उत्तराखंड सरकार इस साल लेगी 10 से 12 हजार करोड़ रुपये कर्ज

कोरोना वायरस संक्रमण से बचने की जंग में लॉकडाउन ने महज डेढ़ महीने के दौरान ही सरकार की आर्थिक रीढ़ को तोड़कर रख दिया। राज्य की कुल आमदनी के 60 फीसद से ज्यादा हिस्सेदार करों से होने वाली आय है, लेकिन हालत ये है कि करों की वसूली 15 फीसद भी नहीं हो पाई है। जरूरी खर्चे पूरे करने के लिए कर्ज ही बड़ा सहारा बनने जा रहा है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार इस साल बाजार से 10 से 12 हजार करोड़ कर्ज उठाने की नौबत आ गई है। इसे देखते हुए आरबीआइ से कर्ज की सीमा बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने कसरत शुरू कर दी है। जल्द ही केंद्र और आरबीआइ को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

राज्य के पास पहले से ही खर्च की तुलना में आमदनी के स्रोत बेहद सीमित हैं। केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के साथ ही विभिन्न योजनाओं में केंद्र से मिलने वाली मदद समेत केंद्र सरकार के राजस्व अनुदान के बूते राज्य को अपने खर्चों को निपटाने में मदद मिलती रही है। यह हिस्सेदारी कुल आमदनी का 30 फीसद से ज्यादा है। करों से होने वाली आमदनी की हालत पतली है। करीब डेढ़ माह यानी पूरा अप्रैल माह और मार्च महीने के दूसरे पखवाड़े में जीएसटी से सिर्फ 88 करोड़ राज्य को मिले। प्रतिमाह करीब 450 करोड़ की आमदनी इससे होती है।

सरकारी वाहनों का योगदान-

इस आमदनी का बड़ा हिस्सा मार्च महीने का है। अप्रैल में जीएसटी की वसूली नगण्य है। वजह खाद्य पदार्थो में जीएसटी या तो नहीं है, या न के बराबर है। केंद्र सरकार ने कारोबारियों को राहत दी है कि वह अप्रैल व मई से संबंधित जीएसटी आगामी जून के पहले हफ्ते तक दाखिल कर सकते हैं। पेट्रोल व डीजल और शराब पर वैट को मिलाकर राज्य को डेढ़ माह में करीब 108 करोड़ मिले हैं, जबकि हर महीने यह आमदनी करीब 1050 करोड़ है।

अप्रैल महीने में राजस्व वसूली ठप-

इसीतरह आबकारी से हर माह मिलने वाला करीब 270 करोड़ का राजस्व अभी शून्य है। स्टांप-रजिस्ट्रेशन और व्हीकल टैक्स के रूप में आमदनी रुकी हुई है। खनन, परिवहन, वन उत्पादों समेत विभिन्न करों की वसूली भी अप्रैल माह में पूरी तरह ठप रही है। लॉकडाउन-तीन यानी मई माह के पहले हफ्ते में ढील बढ़ने से राजस्व में कुछ वृद्धि होने की उम्मीद है। कोरोना की जंग में केंद्र सरकार की आर्थिक हालत खुद अच्छी नहीं है, ऐसे में राज्य सरकार केंद्र से केंद्रीय करों में ज्यादा हिस्सेदारी और अन्य मदद को लेकर आशंकित हैं। हालांकि केंद्र से पैकेज मिलने की उम्मीद लगाई गई है।