असर- सीएए के खौफ़ से 268 बंगलादेशी घुसपैठिये भागते हुए पकड़े गए।

सीएए का डर बांग्लादेशी घुसपैठियों को इस कदर डराने लगा है कि अब ये सभी दुम दबाकर भागने की तैयारी में है।जनवरी अभी पूरा बिता भी नही है और 268 बांग्लादेशी घुसपैठिये पकड़े भी गए,जो कि भारत के पड़ोसी देशों में जाने की कोशिश कर रहे थे। साउथ बंगाल फ्रंटियर वाई.बी खुरानिया के माने तो सीएए के लागू होने के बाद घुसपैठियों में इतना डर बैठ गया कि उनके भारत छोड़ कर भागने की संख्या में एकाएक इज़ाफ़ा हो गया है।

घुसपैठ को रोकने के लिए बीएसएफ लगातार बॉर्डर पर पेट्रोलिंग करती रहती है,और पुराने कटीले तारों के बाड़ को हटाने और उनकी जगह मजबूत नई एंटी फेसिंग लगा रहे हैं।

सीएए के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं ,लेकिन मोदी सरकार अब बैक फुट पर जाने को इसीलिए तैयार नही है क्योंकि सीएए देश मे छुपे घुसपैठियों को बाहर खदेड़ने में कारगर साबित हो रहा है साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने से उनके साथ हुए अन्याय को रोकने में ये एक ऐतिहासिक कदम है।गृह मंत्री अमित शाह सार्वजनिक मंच में कई बार कह भी चुके हैं कि सीएए से किसी भी भारतीय मुस्लिम को डरने की ज़रूरत नही है ये केवल पाकिस्तान ,अफगानिस्तान, और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने के लिए बनाया गया है,भारतीयों की नागरिकता से सीएए का कोई सरोकार नही है।