कौन सुनेगा व्यथाः सीएम की विधानसभा में मदद के लिए दर-दर भटक रहा बुजुर्ग दंपत्ति! एसडीएम दरबार पहुंचे पीड़ित

Who will listen to the pain: Elderly couple wandering from door to door for help in CM's assembly! Victims reached SDM court

लोहाघाट। चंपावत जिले के बाराकोट ब्लॉक के तल्ला छन्दा (रेगरु) के छीड़ा बास के रहने वाले बेसहारा बुजुर्ग दंपति 70 वर्षीय दर्शन राम तथा उनकी 65 वर्षीय दिव्यांग पत्नी कौशल्या देवी मदद के लिए दर-दर भटक रहे हैं। 12 जुलाई 2024 को बुजुर्ग दंपति के बेटे की बकरी चुगाने जंगल जाने के दौरान पहाड़ी से फिसलने से मौत हो गई थी, जो कि उनका एकमात्र सहारा था तथा एक बेटा पिछले कई वर्षों से लापता है। बेटे की मौत के बाद बुजुर्ग दंपत्ति बेसहारा हो गए, जिनके पास सर ढकने के लिए एक टपकता हुआ टूटा-फूटा घर है तथा खाने-पीने के लाले पड़े हुए हैं। बुजुर्ग दर्शन राम ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री धामी के चंपावत दौरे के दौरान लगे जनता दरबार में बंतोली ग्राम प्रधान नारायण फर्त्याल की मदद से गुहार लगाते हुए प्रार्थना पत्र दिया था, पर अभी तक उन्हें कोई भी मदद नहीं मिल पाई है। इसके अलावा क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं पर किसी ने उनकी कोई सुध नहीं ली, जिस कारण उन्होंने अब मदद की आस छोड़ दी है। दर्शन राम ने बताया कि बुजुर्ग व दिव्यांग पेंशन समय पर ना आने के कारण भरण पोषण में उन लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं। उम्र होने की वजह से वह मजदूरी भी नहीं कर पाते हैं। पत्नी उनकी दिव्यांग है।

वहीं आज सोमवार को बुजुर्ग दंपति मदद की आस लेकर एसडीएम रिंकु बिष्ट के दरबार में पहुंचे तथा मदद की गुहार लगाते हुए प्रार्थना पत्र दिया। एसडीएम रिंकु बिष्ट ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए वीडिओ बाराकोट को बुजुर्ग दंपत्ति को पारिवारिक लाभ योजना, अटल आवास तथा अन्य योजनाओं के लाभ देने के निर्देश दिए। वही रेगरु के सामाजिक कार्यकर्ता महेश मेहता व मदन खोलिया ने बताया कि बुजुर्ग दंपति की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है। मुख्यमंत्री से लेकर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से मदद की गुहार लगाने के बाद भी उन्हें अभी तक कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि बुजुर्ग दंपत्ति को आर्थिक मदद की इस समय सख्त जरूरत है, हालांकि ग्रामीण बुजुर्ग दंपति की मदद करते रहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से बुजुर्ग दंपति की आर्थिक मदद करने की अपील की है ताकि बुजुर्ग दंपति का भरण पोषण आसानी से हो सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी द्वारा चंपावत में अपना कैंप कार्यालय खोला है ताकि इस प्रकार के बेसहारा गरीब लोगों की मदद हो सके, पर उसके बावजूद भी जिले में ऐसे कई बेबस गरीब लोग हैं जिनकी सुनवाई कहीं नहीं हो पाती यह चिंता का विषय है। मुख्यमंत्री ने मामले का संज्ञान लेना चाहिए ताकि बेसहारा लोगों को सहारा मिल सके। अब देखना है मुख्यमंत्री कब तक इस मामले का संज्ञान लेते हैं और लोगों को उनसे बड़ी उम्मीदें हैं।