उत्तराखण्डः सुंदरखाल गांव के लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने और विस्थापन का मामला! हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, सरकार ने पेश किया शपथपत्र
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 1975 के बाद से आज तक कॉर्बेट नेशनल पार्क से जुड़े क्षेत्र सुंदरखाल में रह रहे लोगों को बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से राज्य सरकार द्वारा वंचित करने तथा उनको विस्थापित करने के मामले में सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई हेतु 21 नवम्बर की तिथि नियत की है। इसी से जुड़े एक जनहित याचिकाकर्ता से कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा गया है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने शपथपत्र पेश कर कहा कि सरकार इनको विस्थापित कर रही है, लेकिन इतनी जगह एक साथ नही मिल पा रही है। अलग-अलग विस्थापित करने का प्रकरण शासन में लंबित है। इसलिए स्थिति से अवगत कराने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाय। सरकार को समय देते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 21 नवम्बर की तिथि नियत की है। पूर्व में कोर्ट ने पूछा था कि 2014 में क्षेत्र के लोगों के विस्थापन के लिए बनाई गई कमेटी के निर्णय पर राज्य सरकार ने अब तक क्या निर्णय लिया है। 4 सप्ताह के भीतर उसकी प्रगति रिपोर्ट भी पेश करें। जिस पर आज सरकार ने शपथपत्र पेश किया है। बता दें कि समाजसेवी संस्था इंडिपेंडेंट मीडिया सोसाइटी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल जिले के सुंदरखाल में वर्ष 1975 से रह रहे ग्रामीणों को बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं नही मिल पा रही है। जिसे लेकर पिछले कई वर्षों से सुंदरखाल के ग्रामीण लोग विस्थापन की मांग राज्य सरकार से करते आ आए हैं। जिसे लेकर सरकार ने वर्ष 2014 में एक कमेटी बनाकर विस्थापन करने का निर्णय लिया था। बावजूद इसके आज तक उन्हें विस्थापित नही किया गया है, न ही राज्य सरकार ने आज तक उन्हें जरूरी मूलभूत सुविधाएं दी हैं, जबकि उनका यह क्षेत्र अति दुर्गम क्षेत्र में आता है। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि या उन्हें विस्थापित किया जाय या उन्हें जरूरी मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जाए।