उत्तराखंड: RTI कार्यकर्ता को RTI अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई सूचना को निजी सूचना बताकर ना देने पर राज्य सूचना आयुक्त दून यूनिवर्सिटी पर हुए सख्त! लोक सूचना अधिकारी को दिए निर्देश, लिंक में पढ़े क्या है पूरा मामला

Uttarakhand: State Information Commissioner became strict on Doon University for not giving the information sought under RTI Act 2005 to the RTI activist by declaring it as personal information! Inst

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत यदि कोई लोक प्राधिकारी आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मांगी गई सूचना उपलब्ध नहीं करवाता है तो लोक सूचना अधिकारी पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। उत्तराखंड राज्य सूचना अधिकारी योगेश भट्ट ने एक ऐसे ही मामले में आज सख्ती दिखाते हुए लोक सूचना अधिकारी  को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए है।


मामले के मुताबिक दून विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी ने रामनगर जिला नैनीताल निवासी जगतपाल द्वारा दून विश्वविद्यालय में भौतिकी विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर पद के चयन के लिए इंटरव्यू में उपस्थित अभ्यर्थियों की सूची और इंटरव्यू के प्राप्तांक सहित चयनित अभ्यर्थी की नियुक्ति संबंधित अहर्ता और शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जानकारी आरटीआई अधिनियम के तहत मांगी गई थी,लेकिन दून विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी ने चयनित अभ्यर्थी की सूचना निजी बताते हुए सूचना देने से इंकार कर दिया। इसके बाद अपीलार्थी द्वारा मामले में राज्य सूचना आयोग में अपील की गई। राज्य सूचना आयोग में राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट द्वारा मामले की सुनवाई की और ये स्पष्ट किया कि किसी भी राजकीय सेवा में पद विशेष पर चयन के लिए निर्धारित योग्यता और अहर्ता संबंधी प्रमाणपत्र चयनित अभ्यर्थी की निजी सूचना नही बल्कि अभिलेख के रूप में नियोक्ता संस्थान की संपत्ति होती है,जिन पर अर्हता और योग्यता के अंतर्गत आने वाले लोक प्राधिकार में चयन किया जाता है उन्हे सार्वजनिक न किया जाना या सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत देने से मना करना सूचना अधिकार अधिनियम की मूल भावना की पारदर्शिता के विपरीत है। उन्होंने ये भी कहा कि शैक्षिक योग्यता संबंधी प्रमाणपत्र तभी तक निजी सूचना के अन्तर्गत आते है जब तक उनके आधार पर कोई सार्वजनिक लाभ न लिया जाए।उन्होंने सूचना आयोग में उपस्थित लोक सूचना अधिकारी को असिस्टेंट प्रोफेसर की अर्हता संबंधी प्रमाणपत्र इत्यादि एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। जिसके बाद लोक सूचना अधिकारी द्वारा आश्वासन दिया गया कि एक सप्ताह के भीतर अपीलार्थी को उपलब्ध करवा दी जाएगी।