उत्तराखंड/नैनीताल:ब्रिगेडियर अजय सिंह नेगी को उनके अदम्य साहस और वीरता के लिए मिला दूसरी बार राष्ट्रपति विशिष्ट सेवा पदक,भारतीय शहीद सैनिक स्कूल और डीएसबी से की पढ़ाई पूरी,जानिए नैनीताल के लाल के बारे में

उत्तराखंड की पावन भूमि से भारत माँ की रक्षा के लिए कई वीर जवानों ने यहां जन्म लिया। सैन्य क्षेत्र में उत्तराखंड के सपूतों की कई कहानियों को पढ़कर आप बढ़े हुए होंगे। उत्तराखंड के ऐसे ही वीर सपूत है भारतीय सेना में ब्रिगेडियर के पद पर तैनात अजय सिंह नेगी जिन्हें दूसरी बार राष्ट्रपति विशिष्ट सेवा पदक अवार्ड मिला है। ये सिर्फ उत्तराखंड ही नही बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए गर्व की बात है।
ब्रिगेडियर अजय सिंह नेगी मूलतः नैनीताल जिले के रहने वाले है। जिला मुख्यालय नैनीताल में उनका बचपन बीता इसीलिए यहाँ से उन्हें खास लगाव है। 8 फरवरी 1966 को अजय सिंह नेगी का जन्म संयुक्त परिवार में हुआ था,नैनीताल के आल्मा कॉटेज निवासी अजय सिंह नेगी की प्रारंभिक शिक्षा भारतीय शहीद सैनिक स्कूल नैनीताल से हुई,1980में उन्होंने प्रथम श्रेणी में हाईस्कूल किया। 1982 में इंटर में भी उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
इसके बाद उन्होंने डीएसबी नैनीताल से बीएससी की।1985 में सीडीएस परीक्षा के माध्यम से उन्होंने आईएमए के लिए अहर्ता प्राप्त की। अजय सिंह शुरू से ही सेना में जाने की इच्छुक रहे,स्कूली दिनों से ही वो एनसीसी कैडेट रहे और नेशनल कैडेट कोर में सीनियर अंडर ऑफिसर रहे।अजय सिंह एक अच्छे खिलाड़ी भी थे,कॉलेज के दिनों में हॉकी,क्रिकेट, और फुटबॉल में उनकी खासी रुचि रही।आईएमए में अजय सिंह अकादमी के हॉकी गोलकीपर भी रहे।
अजय सिंह के पिता स्वर्गीय भागवत सिंह नेगी पौलोटेक्निक में यांत्रिक प्रशिक्षक थे,और माता बसंती नेगी स्नो व्यू स्कूल नैनीताल में अध्यापिका थी। अजय सिंह की पत्नी मीना नेगी सिकंदराबाद के आर्मी स्कूल में टीचर है। उनके दो बच्चे अभिजय और अभ्युदय है।अजय सिंह के तीन भाई बहन अभय उदय और पृथ्वीराज (पूर्व सीआरपीएफ अब सुरक्षा प्रबंधक नैनीताल बैंक) है।
अजय सिंह नेगी को दूसरी बार राष्ट्रपति विशिष्ट सेवा पदक अवार्ड मिलने पर आवाज़ की पूरी टीम की ओर से उन्हें बधाई और सलाम।