उत्तराखंडः कार्बेट नेशनल पार्क में जिप्सी संचालन पर बड़ा आदेश! हाईकोर्ट ने नए जिप्सी संचालकों को बाहर रखने वाले 2022-23 के नियम पर लगाई रोक, पंजीकरण तिथि बढ़ाने के दिए निर्देश
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कार्बेट नेशनल पार्क में जिप्सी संचालन को लेकर नए पंजीकृत स्थानीय वाहन स्वामियों को पार्क द्वारा जारी लिस्ट में शामिल नही करने के मामले में दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट की खंडपीठ ने कार्बेट पार्क द्वारा 2022-23 के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें नए जिप्सी संचालकों को पंजीकरण प्रकिया में शामिल नही किए जाने का नियम लागू किया गया था। कोर्ट ने कार्बेट पार्क में जिप्सी संचालन के लिए नए आवेदन कर्ताओं को शामिल करने के साथ ही पंजीकरण तिथि बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि स्थानीय निवासी चक्षु करगेती, सावित्री अग्रवाल व अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि कॉर्बेट पार्क में जिप्सी के लिए पंजीकरण प्रक्रिया भाग लेने के लिए जो गाइडलाइन बनाई गई है सभी परमिट होल्डर जिनके पास वैलिड परमिट हैं और शर्तों को पूरा कर रहे हैं। चाहे वे पुराने परमिट धारक हो या फिर नए, उन सब को लॉटरी प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार है लेकिन जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क द्वारा विशेष कैटिगरी की जिप्सी स्वामी को पंजीकृत किया जा रहा है और 2 वर्ष पुराने पंजीकृत जिप्सीयों को प्रतिभाग नहीं करने दिया जा रहा है, जबकि इन लोगों के पिछले वर्ष आरटीओ से परमिट प्राप्त किए हैं। साथ ही कोर्ट के पूर्व आदेशों का उल्लंघन है। उनको इसमें प्रतिभाग न करने की वजह से जिप्सी संचालक बेरोजगार हो गए हैं। नए बेरोजगारों को रोजगार नही मिल पा रहा है। जबकि वे भी स्थानीय लोग है। उनको भी रोजगार दिया जाय। इसके जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया कि जिन को परमिट दिया गया मानकों के अनुरूप दिया गया है। जो मानक पूर्ण नही करते हैं उन्हें लिस्ट से बाहर किया गया है।