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उत्तराखंड: देहरादून पहुंचे फिल्म एक्टर पंकज त्रिपाठी, श्रोत महोत्सव का किया शुभारंभ, जनता से भी की खास अपील

Uttarakhand: Film actor Pankaj Tripathi reached Dehradun, inaugurated the Shrot Mahotsav, also made a special appeal to the public

देहरादून के परेड ग्राउंड में श्रोत महोत्सव 2025 का रंगारंग आगाज हो गया है। यह महोत्सव 7 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक चलेगा और इसमें देशभर के सौ से अधिक कारीगरों, कलाकारों और स्वयं सहायता समूहों को एक मंच मिलेगा। उद्घाटन समारोह में बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान को आगे बढ़ाने की अपील की। उद्घाटन समारोह में पंकज त्रिपाठी ने कहा कि आज की जरूरत यह है कि लोग हाथ से बनी वस्तुओं को अपनाएं और उनकी उपयोगिता को बढ़ावा दें, न कि मशीन से बनी वस्तुओं पर निर्भर रहें। उन्होंने श्रोताओं से अनुरोध किया कि वे हस्तशिल्प उत्पादों की खरीद करके कारीगरों के कौशल और विकास को सशक्त बनाएं। अभिनेता ने यह भी कहा कि देश के लोक कलाकार हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के माध्यम से पारंपरिक शिल्प में नवाचार कर रहे हैं, और जनता को इसे अपनाकर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना चाहिए।

उद्घाटन समारोह में जौनसारी गीतों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, वहीं राजस्थान के लोक संगीत उस्ताद पद्मश्री अनवर खान की प्रस्तुति मुख्य आकर्षण रही। तारा जोशी फाउंडेशन की सचिव किरन जोशी ने बताया कि महोत्सव के दौरान लोग पूरे सप्ताह सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद ले सकते हैं। लोक और फ्यूजन संगीत में कलाकार रूहान भारद्वाज, विक्की चौहान और भक्त चरण सिंह चौधरी जैसी प्रतिभाएं पहाड़ी ढोल दमाऊ जैसी पारंपरिक शैली में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगी। महोत्सव के दौरान युवाओं और विद्यार्थियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, वैदिक गणित और ओपन माइक पोएट्री जैसी महत्वपूर्ण कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों से आए कारीगर हथकरघे, जनजातीय शिल्प, आभूषण, मिट्टी के बर्तन और ग्रह सज्जा के सामानों का भव्य प्रदर्शन करेंगे। उत्सव का माहौल बनाने के लिए गरबा और डांडिया नाइट्स का आयोजन भी किया जाएगा। महोत्सव का भव्य समापन समारोह 13 अक्टूबर को होगा, जिसमें मुख्यमंत्री गीता धामी उपस्थित रहेंगी। समापन समारोह में महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता पर उनके विचार साझा किए जाएंगे। इसके साथ ही देशभर से आए कारीगरों और पैनलिस्टों का अभिनंदन भी किया जाएगा। श्रोत महोत्सव 2025 न केवल सांस्कृतिक और कलात्मक प्रदर्शन का उत्सव है, बल्कि स्थानीय उत्पादों और कारीगरों के कौशल को बढ़ावा देने का भी अवसर है। महोत्सव में आने वाले श्रोताओं को पारंपरिक कला, संगीत और हस्तशिल्प का अद्भुत अनुभव मिलेगा, जिससे यह आयोजन देहरादून और उत्तराखंड में सांस्कृतिक जागरूकता का प्रमुख केंद्र बन गया है।