उधम सिंह नगर में 99 कुंतल आपदा राहत अनाज सड़ने का मामला: हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट, आपूर्ति कमिश्नर को वर्चुअली पेश होने के आदेश
नैनीताल। वर्ष 2021 में उधम सिंह नगर में आपदा राहत के लिए भेजे गए 99 कुंतल से अधिक अनाज के बिना वितरण और लापरवाहीपूर्ण रख-रखाव के चलते सड़कर खराब होने के मामले में दायर जनहित याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य सरकार से इस पूरे प्रकरण से संबंधित रिकवरी फाइल और रिपोर्ट प्रस्तुत न किए जाने पर कड़ा रुख अपनाया है।
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा था कि क्या खाद्य एवं आपूर्ति कमिश्नर के पास जिलाधिकारी द्वारा दोषियों के खिलाफ जारी रिकवरी आदेश को मॉफ करने का अधिकार है। कोर्ट ने रिकवरी से जुड़ी पूरी फाइल को संरक्षित रखने के निर्देश भी दिए थे।
आज की सुनवाई में सरकार ने फाइल और रिपोर्ट पेश करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। इस पर मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने आपूर्ति आयुक्त को कल कोर्ट में वर्चुअली उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।
मामले के अनुसार, हरिद्वार निवासी अभिजीत द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2021 में सस्ता गल्ला योजना के तहत बांटे जाने के लिए रखा गया 99 कुंतल से अधिक अनाज लापरवाही के कारण पूरी तरह सड़ गया, जो कि आपदा राहत का राशन था। घटना की जांच के बाद जिलाधिकारी उधम सिंह नगर ने संबंधित अधिकारियों से रिकवरी के आदेश दिए थे, लेकिन बाद में खाद्य आपूर्ति कमिश्नर ने इस रिकवरी को मॉफ कर दिया।
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इस राशन घोटाले की विस्तृत जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और हुए नुकसान की पूरी वसूली कराई जाए। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि दोषियों ने केवल अनाज ही नहीं, बल्कि अन्य सरकारी धन का भी दुरुपयोग किया है।