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विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करके भारत मे मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए NEET की परीक्षा पास करना होगा अनिवार्य!इन तीन शर्तो के बिना भारत मे नही कर पाएंगे मेडिकल प्रैक्टिस

To practice medicine in India after studying medicine from abroad, it is necessary to pass the NEET exam! Without these three conditions, you will not be able to do medical practice in India.

अब विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स को नीट NEET की परीक्षा पास करनी अनिवार्य होगी,इसके बिना वो विदेश से भारत आकर मेडिकल प्रैक्टिस नही कर पाएंगे।

दरअसल स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में  मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में इस बात की जानकारी दी। विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करके भारत आकर प्रैक्टिस करने वाले स्टूडेंट्स को लेकर मीडिया ने कुछ सवाल किए थे जिनके जवाब में डॉ मनसुख मंडाविया ने कहा कि ऐसा सोचने वाले छात्रों को अब तीन शर्तें पूरी करनी होंगी. उन्होंने लोकसभा को बताया कि विदेश से पढ़ाई करके वापस आने वाले उन्हीं लोगों को देश में मेडिकल प्रैक्टिस का लाइसेंस जारी किया जाएगा जो ये तीन शर्तें पूरी करने के बाद जरूरी पात्रता परीक्षा पास करेंगे,उन्होंने कहा कि विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई के लिए नीट NEET की परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा. इसके बाद केवल वही छात्र स्वदेश लौटकर मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए पात्र होंगे, जिन्होंने ऐसे देश से पढ़ाई की हो जहां भारत के समकक्ष मेडिकल की पढ़ाई होती हो।

स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी बताया कि तीसरी शर्त ये होगी कि जिस देश से उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई की है, उस देश में भी उनको प्रैक्टिस की अनुमति हो,उन्होंने ये भी कहा कि इसके बाद उन्हें विदेश से मेडिकल की शिक्षा प्राप्त करने वालों के लिए जरूरी परीक्षा पास करनी होगी तभी उन्हें देश में मेडिकल प्रैक्टिस का लाइसेंस दिया जाएगा।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने साफ किया कि अब ऐसा नहीं चलेगा कि कहीं से भी मेडिकल की डिग्री लेकर आ जाओ और भारत में प्रैक्टिस शुरू कर दो. उन्होंने कहा कि विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई करने का सपना देख रहे छात्र अगर भारत आकर प्रैक्टिस शुरू करना चाहते हैं तो उन्हें इन सभी बिंदुओं का ध्यान रखना होगा.

इससे पहले सदन में मेडिकल कॉलेज, आयुष्मान भारत योजना और औषधि केंद्रों को लेकर भी सवाल उठे. इन सवालों के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने साफ किया कि देश में किसी भी ऐसे मेडिकल कॉलेज को हम नहीं चलने देंगे, जहां फैकल्टी न हो. मनसुख मंडाविया ने महाराष्ट्र के गोंदिया में मेडिकल कॉलेज शुरू करा दिए जाने की भी जानकारी दी.