कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति ने किया कॉलेजों का औचक निरीक्षण

The Vice Chancellor of Kumaon University did a surprise inspection of colleges

कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत ने आज विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण परीक्षा के दौरान नकलमुक्त और सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया। कुलपति ने आज छह कॉलेजों का दौरा किया। निरीक्षण किए गए कॉलेजों में बाजपुर डिग्री कॉलेज, मयंक कॉलेज ऑफ एजुकेशन, एसडी कॉलेज ऑफ एजुकेशन, आईएमटी कॉलेज काशीपुर, ज्ञानार्थी मीडिया कॉलेज काशीपुर और राधे हरि कॉलेज काशीपुर शामिल थे।

कुलपति प्रो. रावत ने प्रत्येक कॉलेज में परीक्षा कक्षों का गहन निरीक्षण किया और परीक्षा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी ली। उन्होंने प्राचार्य और परीक्षा केंद्राधीक्षकों से चर्चा की और परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा व्यवस्था, प्रश्न पत्र वितरण, उत्तर पुस्तिकाओं के रखरखाव और परीक्षा हॉल में अनुशासन संबंधी व्यवस्थाओं का बारीकी से अवलोकन किया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की नकल या अनुचित गतिविधि न हो। उन्होंने शिक्षकों और स्टाफ से संवाद करते हुए नकलमुक्त परीक्षा के महत्व को रेखांकित किया।निरीक्षण के दौरान कुलपति ने विद्यार्थियों से भी बातचीत की और उनकी परीक्षा तैयारी के बारे में जानकारी ली। उन्होंने छात्रों से परीक्षा केंद्र में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी फीडबैक लिया। कुलपति प्रो.  रावत ने निरीक्षण के दौरान सभी कॉलेजों के प्राचार्यों और परीक्षा समन्वयकों से कहा कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनुशासनहीनता को सख्ती से रोका जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि कुमाऊं विश्वविद्यालय का उद्देश्य नकलमुक्त और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली को बढ़ावा देना है। उन्होंने परीक्षा संचालन में अनुशासन बनाए रखने और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कॉलेज प्रशासन को कड़े निर्देश दिए। प्रो.  रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। परीक्षा केंद्रों में निरीक्षण का उद्देश्य न केवल नकलमुक्त वातावरण सुनिश्चित करना है बल्कि विद्यार्थियों में नैतिकता और अनुशासन की भावना को भी प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि कुमाऊं विश्वविद्यालय का लक्ष्य न केवल नकलमुक्त परीक्षा आयोजित करना है बल्कि छात्रों के समग्र विकास और उनकी नैतिक शिक्षा को भी बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, उन्होंने भविष्य में भी समय-समय पर औचक निरीक्षण जारी रखने की बात कही ताकि परीक्षा प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो सके।