उत्तराखंड शिक्षा विभाग में तबादलों की प्रक्रिया रुकी! हाईकोर्ट ने सुगम दुर्गम को लेकर लगाई रोक

The transfer process in Uttarakhand education department has stopped! The High Court has put a stay on the issue of easy and inaccessible areas

शिक्षा विभाग में तबादलों की प्रक्रिया रुक गई है। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन के मुताबिक हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा के एक मामले में सुगम-दुर्गम को लेकर तबादलों पर रोक लगाई है। विभाग की ओर से इस पर न्याय विभाग से परामर्श लिया जा रहा है।

उत्तराखंड में शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादलों के लिए तबादला एक्ट बना है। जिसके तहत इस साल मार्च से तबादले की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। मंडल और जिला स्तर पर तबादला समितियों के गठन के बाद प्रत्येक संवर्ग के लिए सुगम-दुर्गम क्षेत्र एवं तबादलों के लिए पात्र शिक्षकों और संभावित खाली पदों की सूची जारी की जानी थी, लेकिन इस बीच हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद विभाग में तबादले की प्रक्रिया रुक की गई है। शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया है कि उत्तरकाशी जिले में एक ही क्षेत्र के दो विद्यालयों में जूनियर हाईस्कूल को दुर्गम क्षेत्र और प्राथमिक विद्यालय को सुगम क्षेत्र में होना दर्शाया है। जिस पर हाईकोर्ट ने सुगम-दुर्गम के आधार पर तबादले पर रोक लगाई है। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन के मुताबिक तबादला एक्ट के तहत सभी तबादले सुगम-दुर्गम के आधार पर होते हैं। अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल के मुताबिक तबादलों पर रोक का प्रस्ताव अभी कार्मिक विभाग को नहीं मिला। इस तरह का प्रस्ताव आने पर इसे सक्षम स्तर पर रखा जाएगा। प्रदेश में कई शिक्षक 20 से 25 साल से दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों में कार्यरत हैं। जो इस बार पहली बार तबादलों के लिए तय सीमा हटने से सुगम क्षेत्र में आने की आस लगाए थे। शासन की ओर से इससे पहले हर साल 10 या फिर 15 फीसदी शिक्षकों के तबादलों के लिए सीमा तय की जाती रही है। तबादलों का यह मामला शिक्षा विभाग के 70 हजार से अधिक शिक्षकों से जुड़ा है। तबादलों से कई शिक्षकों के सुगम तो कई के दुर्गम क्षेत्र में अनिवार्य तबादले होते।