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IPS वाई पूरन कुमार की आत्महत्या केस के वो राज जो चौंका देंगे!9 पन्नों के सुसाइड नोट में है कई बड़े अधिकारियों के नाम,जांच में जुटी पुलिस

The shocking secrets of the IPS officer's suicide case! The 9-page suicide note contains the names of several senior officials; the police are investigating.

**महत्वपूर्ण समाचार**

हरियाणा पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजीपी) वाई पूरन कुमार का मंगलवार को चंडीगढ़ में उनके आवास पर निधन हो गया। उनके सिर में गोली लगने की वजह से मौत हुई। प्रारंभिक जांच में पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है।  
घटना उस समय हुई, जब वे अपने साले के सेक्टर-11 स्थित घर के साउंडप्रूफ बेसमेंट में थे। सूत्रों के अनुसार, पूरन कुमार ने अपने गनमैन की सर्विस रिवॉल्वर का उपयोग कर स्वयं को गोली मार ली। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मृत्यु से पहले उन्होंने 9 पन्नों का एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें कुछ मौजूदा और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारियों के नामों का जिक्र है। हालांकि, नोट का सटीक विवरण अभी उजागर नहीं किया गया है। पुलिस ने कहा कि फॉरेंसिक जांच पूरी होने के बाद ही नोट को सार्वजनिक किया जाएगा।

**बेसमेंट में हुई दुखद घटना**  
जानकारी के मुताबिक, यह घटना उस दिन हुई, जब पूरन कुमार को अगले दिन, यानी बुधवार को, रोहतक के सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में प्रमुख के रूप में जिम्मेदारी संभालनी थी। पूरन कुमार 2001 बैच के हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी थे और अपनी बेबाकी और सिस्टम की खामियों को उजागर करने के लिए जाने जाते थे। उनकी पत्नी, जो एक आईएएस अधिकारी हैं, अमनीत पी. कुमार, उस समय जापान के दौरे पर थीं। घर पर मौजूद उनकी छोटी बेटी ने दोपहर करीब 2 बजे बेसमेंट में जाकर देखा, तो अपने पिता को सोफे पर खून से लथपथ पाया।  

बेटी ने तुरंत सुरक्षा कर्मियों को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची।  

**घटनास्थल से मिले महत्वपूर्ण साक्ष्य**  
मौके पर पहुंचे आईजी पुष्पेंद्र सिंह, एसएसपी कौऱ और एसपी सिटी प्रियंका ने जांच शुरू की। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की। पुलिस को मौके से एक रिवॉल्वर, एक वसीयत और 9 पन्नों का सुसाइड नोट प्राप्त हुआ। जानकारी के अनुसार, मंगलवार दोपहर लगभग 1 बजे पूरन कुमार ने अपने पीएसओ से सर्विस रिवॉल्वर मांगी और कहा कि उन्हें कुछ काम है। इसके बाद वे बेसमेंट में चले गए। चूंकि बेसमेंट को साउंडप्रूफ ऑफिस के रूप में डिजाइन किया गया था, इसलिए गोली चलने की आवाज बाहर नहीं आई। करीब एक घंटे बाद जब उनकी बेटी बेसमेंट में पहुंची, तो वहां का दृश्य देखकर वह स्तब्ध रह गई।  

**कौन थे वाई पूरन कुमार**  
वाई पूरन कुमार मूल रूप से आंध्र प्रदेश के निवासी थे और अनुसूचित जाति समुदाय से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने बी.ई. (कंप्यूटर साइंस) की डिग्री हासिल की थी और आईआईएम अहमदाबाद से स्नातक थे। अपने करियर में उन्होंने कई बार अपने ही विभाग के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी। उन्होंने पूर्व में हरियाणा के तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव पर भेदभाव के आरोप लगाए थे और इस मामले में अदालत का रुख किया था। हाल ही में उन्हें रोहतक रेंज के आईजी पद से स्थानांतरित कर सुनारिया ट्रेनिंग सेंटर भेजा गया था। पूरन कुमार और उनकी पत्नी की दो बेटियां हैं। उनकी बड़ी बेटी विदेश में पढ़ाई कर रही है, जबकि छोटी बेटी चंडीगढ़ में परिवार के साथ रहती है।  

**रोहतक पुलिस का बयान**  
रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया ने बताया कि सोमवार को रोहतक में एक शराब व्यवसायी से कथित तौर पर रिश्वत मांगने के आरोप में हेड कांस्टेबल सुशील कुमार को गिरफ्तार किया गया था। बिजारनिया के अनुसार, सुशील पहले वाई पूरन कुमार के साथ काम करता था। रोहतक रेंज से स्थानांतरण के बाद भी पूरन कुमार ने सुशील को अपने साथ रखा था, बिना किसी आधिकारिक आदेश के। सोमवार को एक शराब कारोबारी ने शिकायत दर्ज की और एक वीडियो फुटेज उपलब्ध कराया, जिसमें सुशील पर हर महीने 2.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप था। कारोबारी ने दावा किया कि सुशील यह रिश्वत वाई पूरन कुमार के नाम पर मांग रहा था।  

**कोई नोटिस जारी नहीं हुआ था**  
बिजारनिया ने आगे बताया कि शिकायत और वीडियो फुटेज के आधार पर एक एफआईआर दर्ज की गई, जिसके बाद सुशील से पूछताछ की गई। सुशील ने पूरन कुमार के नाम पर रिश्वत लेने की बात स्वीकार की। मंगलवार को सुशील को अदालत में पेश किया गया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया कि अभी तक वाई पूरन कुमार को जांच में शामिल करने के लिए न तो बुलाया गया था और न ही उनके खिलाफ कोई नोटिस जारी किया गया था।