राजधानी में गहरा रहा सासों पर संकट! फिर छाई धुंध की चादर,एक्यूआई पहुंचा 300 के पार

The problem of breathing is getting worse in the capital! Smog has spread again, AQI has crossed 300

राजधानी दिल्ली में सर्दी शुरू होने से पहले ही हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में लोगों को सांस लेने में और परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अक्षरधाम और आसपास के इलाकों में धुंध की एक परत छा गई है। जिससे इलाके का एक्यूआई 334 तक पहुंच गया है। जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार बहुत खराब श्रेणी में रखा गया है।

राजधानी में प्रदूषण के 13 हॉटस्पॉट हैं। यहां प्रदूषण कम करने के लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने समन्वय समितियां बनाई हैं। उन्होंने शुक्रवार को संबंधित विभागों के साथ बैठक की। राय ने बताया कि धूल प्रदूषण कम करने के लिए राजधानी में 80 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं। एमसीडी के डीसी को सभी संबंधित अधिकारियों के साथ हॉटस्पॉट का लगातार दौरा करने का निर्देश दिया गया है।आनंद विहार बस स्टेशन के सामने क्षतिग्रस्त सड़कें, वाहनों के आवागमन से धूल उत्पन्न होना। चौधरी चरण सिंह मार्ग पर जाम की समस्या, सड़क के किनारों पर धूल का जमाव, एनसीआरटीसी कंस्ट्रक्शन साइट प्रोजेक्ट, रेलवे एसटीपी के पास कच्चा क्षेत्र, एकीकृत पूर्वी दिल्ली हब प्रोजेक्ट, रेलवे स्टेशन के निकास पर जाम प्रदूषण के स्रोत हैं। सीएक्यूएम स्टेशन के सामने सड़क की धूल, ट्रैफिक जाम (आजादपुर मेट्रो से आजादपुर बस टर्मिनल), मेट्रो प्रोजेक्ट के बगल में गुरजनवाला टाउन के पास कच्ची सड़क, प्रदूषण के स्रोत हैं। सड़क पर धूल, डीडीए ग्राउंड में कचरा और सीएंडडी कचरे की अवैध डंपिंग प्रदूषण के स्रोत हैं। यहां पर मॉनिटरिंग स्टेशन के पास शहरी विस्तार रोड-2 (यूईआर-2) के निर्माण से भारी धूल उत्सर्जन, आरएमसी प्लांट का संचालन, पास के दिल्ली-रोहतक राजमार्ग पर कच्चे रास्ते और गड्ढों के कारण भारी मात्रा में धूल उड़ना, दिल्ली-रोहतक राजमार्ग पर यातायात की मात्रा अधिक होने और मुंडका औद्योगिक क्षेत्र मेट्रो स्टेशन चौराहे के नीचे यातायात की भीड़ प्रदूषण के स्रोत हैं।