पाकिस्तान की पंजाब सरकार का हैरान करने वाला कारनामा! भगत सिंह को बताया ‘आतंकी’, जानें क्या है मामला

नई दिल्ली। पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने कोर्ट में एक हैरान और परेशान करने वाला जवाब दिया है। लाहौर के शादमान चौक का नाम बदलकर भगत सिंह के नाम पर रखने और वहां उनकी प्रतिमा स्थापित करने की योजना एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी की टिप्पणियों के बाद रद्द कर दी गई हैं। पंजाब प्रांत की सरकार ने अपने जवाब में कहा कि भगत सिंह स्वतंत्रता सेनानी नहीं, बल्कि आज की परिभाषा में आतंकवादी थे। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने हाईकोर्ट को ये जानकारी दी है।
लाहौर हाईकोर्ट में असिस्टेंट एडवोकेट जनरल असगर लेघारी ने शुक्रवार को लिखित जवाब में स्वतंत्रता सेनानी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी द्वारा एलएचसी में दायर अवमानना याचिका पर लाहौर मेट्रोपॉलिटन कॉरपोरेशन ने एक जवाब में कहा कि शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने और वहां उनकी प्रतिमा लगाने की लाहौर शहर जिला सरकार की प्रस्तावित योजना को कमोडोर (सेवानिवृत्त) तारिक मजीद द्वारा प्रस्तुत एक टिप्पणी के आलोक में रद्द कर दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई समिति में शामिल मजीद ने अपनी टिप्पणियों में दावा किया कि भगत सिंह "क्रांतिकारी नहीं, बल्कि एक अपराधी थे और आज की परिभाषा में वह एक आतंकवादी थे। उन्होंने एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या की थी और इसके लिए इस अपराध के लिए उन्हें दो साथियों के साथ फांसी पर लटका दिया गया। मजीद ने सरकार से सिफारिश की कि शादमान चौक का नाम भगत सिंह चौक नहीं रखा जाना चाहिए और वहां उनकी प्रतिमा भी नहीं लगाई जानी चाहिए।