जज्बे को सलामः उत्तराखण्ड के इस अधिकारी ने 59 साल की उम्र में पास की ‘यूजीसी नेट’ की परीक्षा! एक साल बाद होंगे रिटायर्ड, जानें क्या है परीक्षा देने की वजह?

Salute to the spirit: This officer of Uttarakhand passed the 'UGC NET' exam at the age of 59! Will be retired after one year, know the reason for giving the exam?

देहरादून। कहते हैं पढ़ने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती। इंसान जीवन भर कुछ न कुछ सीखता है और किसी भी उम्र में पढ़ाई करके बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है 59 वर्षीय प्रदीप रावत ने। प्रदीप रावत देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) हैं और एक वर्ष बाद वह सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उन्होंने 59 वर्ष की आयु में यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर एक नई मिसाल पेश की है। खबरों के मुताबिक इसी वर्ष 21 अगस्त से पांच सिंतबर के बीच संपन्न हुई यूजीसी नेट परीक्षा में उन्होंने प्रतिभाग किया था। पिछले 36 वर्ष में शिक्षा विभाग में कई अहम पदों पर रह चुके प्रदीप वर्तमान में देहरादून जनपद के 1,209 राजकीय विद्यालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके अलावा कई प्रशासनिक कार्य भी उनके जिम्मे हैं। शिक्षकों की समस्याओं के साथ विभाग के अन्य कार्मिकों की परेशानियों का भी संज्ञान लेते हैं। प्रदेश और प्रदेश से बाहर शैक्षिक उन्नयन की बैठकों में शामिल होने के साथ ही वह जनपद के सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के ठीक ढंग से संचालन, समय पर परीक्षा व मूल्यांकन के लिए भी प्रयासरत रहते हैं। इतनी व्यस्तता के बावजूद हर रोज दो से तीन घंटे अध्ययन करना नहीं भूलते। इसी जज्बे के बूते उन्होंने यूजीसी नेट में सफलता प्राप्त की। सीईओ प्रदीप रावत बताते हैं कि उन्होंने यूजीसी नेट की परीक्षा किसी नौकरी के लिए नहीं, बल्कि शिक्षकों और समाज को यह संदेश देने के लिए दी कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। उनका कहना है कि शिक्षक को तो पूरी उम्र अध्ययन करना चाहिएए ताकि वह छात्रों को बेहतर ढंग से पढ़ा सके। वह भी खुद को जीवनभर अध्ययन से जुड़ा रखना चाहते हैं और युवा पीढ़ी से प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं।