यूपी में राहुल गांधी ने सपा के लिए साफ किया रास्ता! चुनावी रण से हटी कांग्रेस,बेहद सोच समझकर उठाया कदम

Rahul Gandhi cleared the way for SP in UP! Congress withdrew from the electoral battle, took the step after a lot of thought

कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों और सपा की अंदरूनी आशंकाओं को खारिज करने के लिए उपचुनाव के मैदान से हटने का फैसला किया। इंडिया गठबंधन के दिल्ली के सूत्र बताते हैं कि हरियाणा चुनाव में अखिलेश यादव ने मैदान में न उतरने की राहुल गांधी की बात मानी। एवज में राहुल गांधी ने भी यूपी के रण में न उतरकर सपा के लिए रास्ता साफ कर दिया। लोकसभा चुनाव में सपा जहां 37 सीटों के साथ यूपी की सबसे बड़ी पार्टी बनी, वहीं कांग्रेस भी एक से बढ़कर छह सीट पर पहुंच गई।  इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में अपने लिखित वक्तव्य में सपा अध्यक्ष को आगाह करते हुए कहा कि कांग्रेस से दोस्ती उनके लिए भविष्य में घातक साबित होगी। वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने यहां तक कहा कि राज्यों में दोस्ती करके क्षेत्रीय दलों को समाप्त करने का काम कांग्रेस करती है।

इतना ही नहीं सपा में भी एक धड़ा ऐसा है जो यह मानता है कि यूपी में कांग्रेस का बढ़ना सपा के लिए अच्छा संकेत नहीं है। क्योंकि, यहां कांग्रेस की कीमत पर ही सपा समेत सभी क्षेत्रीय दल आगे बढ़े हैं। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी सपा के साथ कांग्रेस के गठबंधन को दूरगामी तौर पर लाभदायक नहीं मानते थे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी यह राय जाहिर भी की थी।सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें होने के कारण यूपी कांग्रेस के लिए बेहद अहम है। कांग्रेस आजादी के बाद लगातार 15 वर्ष तक कभी भी दिल्ली की सत्ता से दूर नहीं रही, लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ने यह कर दिखाया। इंडिया गठबंधन के सूत्र बताते हैं कि केंद्र में वापसी की चाहत के चलते कांग्रेस यूपी में बेहद सोच-समझकर अपने कदम आगे बढ़ा रही है। इसके तहत सबसे पहले सपा और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच यह समझ विकसित हुई है कि दोनों पार्टी की स्थानीय इकाइयां कुछ भी बोलें, लेकिन यहां सीटों की साझेदारी पर कोई भी निर्णय लेने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ही अधिकृत होंगे। सूत्र बताते हैं कि भाजपा की ओर से कांग्रेस को सपा के लिए घातक बताने वाले जो तीर चलाए गए, उसे निर्मूल साबित करने के लिए राहुल गांधी ने उपचुनाव में यूपी के मैदान से हटने का निर्णय लिया। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व यहां विधानसभा से ज्यादा लोकसभा को ध्यान में रखते हुए अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। ताकि, केंद्र में भाजपा सरकार हटाने के लिए उसे सपा का मजबूती से साथ मिल सके।