राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया नैनीताल राजभवन के मुख्य द्वार का शिलान्यास, 125 साल पुरानी धरोहर को मिला नया स्वरूप
नैनीताल। उत्तराखंड की ऐतिहासिक धरोहर राजभवन नैनीताल के स्थापना दिवस पर मंगलवार को एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज हुआ, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राजभवन के मुख्य द्वार का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम राजभवन की स्थापना के 125 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि राजभवन नैनीताल केवल एक प्रशासनिक भवन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यहां की स्थापत्य कला और प्राकृतिक सौंदर्य देशभर में अद्वितीय है और इस धरोहर का संरक्षण आने वाली पीढ़ियों के लिए आवश्यक है। उन्होंने इस अवसर को प्रदेश की गौरवशाली विरासत से जोड़ते हुए कहा कि इस नए मुख्य द्वार का निर्माण न केवल सौंदर्य बढ़ाएगा, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक पहचान को और सशक्त करेगा। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति का आगमन उत्तराखंड के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने बताया कि राजभवन के मुख्य द्वार का शिलान्यास इस धरोहर के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, विधि परामर्शी कौशल किशोर शुक्ल और अपर सचिव रीना जोशी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। इस अवसर पर राजभवन परिसर में एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें राजभवन के ऐतिहासिक महत्व और स्थापत्य यात्रा को दर्शाया गया। समारोह का समापन राज्य की पारंपरिक लोकधुनों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ।