सोशल मीडिया की ताकतः 15 साल बाद परिवार से मिला बेटा! पंजाब में बंधुआ मजदूरी से छुड़ाया गया उत्तराखण्ड का राजेश, हर तरफ हो रही सामाजिक संस्था ‘रतन देव सोसाइटी’ की सराहना

Power of social media: Son reunited with family after 15 years! Uttarakhand's Rajesh rescued from bonded labour in Punjab, social organisation 'Ratan Dev Society' is being praised everywhere

यूं तो आज के दौर में सोशल मीडिया का प्रचलन तेजी से बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया! वो प्लेटफार्म जिसमें लोग अपनी यादें, तस्वीरें, अनुभव आदि शेयर करते हैं। आज छोटी से छोटी जानकारी सोशल मीडिया पर उपलब्ध रहती है और इसके जरिए हर घटनाक्रम की जानकारी लोगों तक पहुंचती हैं। हांलाकि कई बार इसके गलत उपयोग से लोग परेशानी में पड़ जाते हैं, लेकिन कई मौके ऐसे भी आते हैं जब सोशल मीडिया की ताकत हर कोई देखता है। 

ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें सोशल मीडिया की बदौलत एक युवक ने न केवल बंधुआ मजदूरी से आजादी पाई, बल्कि सालों बाद वह अपने परिवार से भी मिल पाया। दरअसल, हाल ही में पंजाब में उत्तराखंड के चमोली के एक युवक को बंधुआ मजदूर बनाने का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो सामने आने के बाद सांसद अनिल बलूनी ने पंजाब के राज्यपाल से पूरे मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी। इसके बाद पुलिस की मदद से 15 साल से बंधुआ मजदूरी कर रहे युवक को आजादी दिलाई गई। इसके साथ ही उसे उसके परिजनों के पास भी भेजा गया। 

वीडियो के मुताबिक युवक चमोली के नारायणबगड़ का रहने वाला है, जिसका नाम राजेश है। वीडियो में वह खुद को चमोली निवासी बताते हुए आपबीती साझा कर रहा है। उसने बताया कि कैसे उसे गौशाला मालिक ने पिछले 15 वर्षों से एक तबेले में बंधक बनाकर रखा और शारीरिक-मानसिक उत्पीड़न करता रहा। वीडियो पंजाब की एक सामाजिक संस्था ‘रतन देव सोसाइटी’ के कार्यकर्ताओं द्वारा रिकॉर्ड किया गया, जिन्होंने राजेश को छुड़ाने में अहम भूमिका निभाई।

वीडियो सामने आने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लेते हुए चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजेश के परिवार से संपर्क कर हरसंभव सहायता की जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर डीएम चमोली ने पंजाब के तरनतारन जिले के जिलाधिकारी से बात की। इसके बाद युवक की मुलाकात परिजनों से कराई गयी। सालों बाद बेटे को अपने पास देख परिजनों की आंखे भर आईं और उन्होंने सामाजिक संस्था ‘रतन देव सोसाइटी’ और शासन-प्रशासन का आभार जताया। वहीं इस मामले में उत्पीड़न करने वाले गौशाला संचालक के खिलाफ तरनतारन थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।