अवैध खनन को लेकर गरमाई उत्तराखण्ड की सियासत! पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत के बाद अब भाजपा के पूर्व विधायक ने उठाए सवाल, जानें क्यों मचा है बवाल?

Politics in Uttarakhand heats up over illegal mining! After former CM Trivendra Rawat, now former BJP MLA raises questions, know why there is a ruckus?

उत्तराखण्ड में इन दिनों अवैध खनन को लेकर जहां तमाम सवाल उठ रहे हैं, वहीं सियासत भी गरमाती हुई नजर आ रही है। अभी हाल ही में सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लोकसभा में अवैध खनन का मुद्दा उठाया और इसपर अपनी चिंता जाहिर की। चूंकि प्रदेश में भाजपा की सरकार है और भाजपा के ही सांसद द्वारा लोकसभा में अवैध खनन का मुद्दा उठाया जाना, अपने आप में कई सवाल खड़ा करता है। हांलाकि खनन निदेशक बृजेश कुमार संत ने सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया।

भाजपा के पूर्व विधायक दुम्का ने भी उठाए सवाल
लेकिन इस मामले में अब सियासत गरमाती हुई नजर आ रही है। इस मुद्दे को लेकर जहां कांग्रेस लगातार आक्रामक मोड पर नजर आ रही हैं, वहीं भाजपा के ही कुछ नेता अब अवैध खनन पर खुलकर बोलने लगे हैं। पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बाद अब लालकुआं विधानसभा से पूर्व विधायक रहे नवीन दुम्का ने भी अवैध खनन को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत की बातों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि खनन विभाग और वन निगम अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने अवैध खनन को लेकर तमाम सवाल भी उठाए हैं, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। 

मैं आज बहुत ही संवदेनशील... पूर्व सीएम ने लोकसभा में उठाया था मुद्दा
बता दें कि विगत 27 मार्च, गुरूवार को पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लोकसभा में कहा कि ‘‘मैं आज बहुत ही संवेदनशील और गंभीर विषय पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। विषय उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों में रात के समय अवैध रूप से संचालित अवैध खनन ट्रकों से संबंधित है। उन्‍होंने कहा कि ये न सिर्फ पर्यावरण और कानून व्यवस्था के लिए मुद्दा बनता जा रहा है, बल्कि जनता की सुरक्षा को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। राज्य सरकार और प्रशासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद खनन माफिया अवैध ट्रकों का संचालन खुलेआम कर रहे हैं। इन ट्रकों में भारी मात्रा में ओवरलोडिंग की जाती है। बिना किसी वैध अनुमति के खननों को परिवहन किया जाता है। इन अवैध गतिविधियों के कारण प्रदेश की सड़कों और पुलों को काफी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में सरकार तत्काल इस गंभीर समस्या की तरफ ध्यान दें। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह किया है कि अवैध खनन गतिविधियों को रोकने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाए। रात के समय ट्रकों के संचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए और सख्ती से उसकी निगरानी की जाए। सभी मुख्य मार्गों पर चेक पोस्ट लगाए जाएं। दोषी खनन माफिया और ट्रक मालिकों पर कठोर कार्रवाई की जाए। इसके अलावा इस मामले में संलिप्त अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की जाए और लापरवाही बरतने वालों को भी बख्शा न जाए।’’