समोसा पर गरमाई सियासतः सीएम साहब को नहीं मिला ‘समोसा’ तो सीआईडी ने बैठा दी जांच! पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी, जानें क्या है पूरा मामला
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। इस मामले ने प्रदेश की सियासत भी गरमा दी है। दरअसल यहां की सियासत में इन दिनों ‘समोसा’ छाया हुआ है। समोसे की वजह से पांच पुलिसकर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इतना ही नहीं उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। हैरानी की बात ये है कि राज्य की सीआईडी इसकी जांच कर रही है। फिलहाल मुख्यमंत्री का समोसा किसने हटाया? यह बात सीआईडी के लिए एक पहेली बनी हुई है क्योंकि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए एक फाइव स्टार होटल में दिया गया समोसे का ऑर्डर किसी गलत टेबल पर चला गया। सीआईडी जांच में समोसे और केक वाले तीन डिब्बों को लापरवाही से खाने को “सरकार विरोधी” कृत्य करार दिया गया है। 21 अक्टूबर को हुई इस घटना को लेकर एक महिला इंस्पेक्टर सहित पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इससे भी बुरी बात यह है कि सीएम के करीबी सूत्रों के अनुसार, सुक्खू समोसे भी नहीं खाते। सीएम हाल ही में बीमारी से उबरे हैं और मसालेदार, तेलयुक्त खाना उनकी डाइट से बाहर हो गया है। सूत्रों ने बताया, “कारण बताओ नोटिस पाने वाले पुलिसकर्मी डीएसपी रैंक के जांच अधिकारी के समक्ष अपना अंतिम बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया में हैं, जिन्होंने पांचों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।” संबंधित डीएसपी विक्रम चौहान ने 25 अक्टूबर को आईजी (सीआईडी) को जांच रिपोर्ट सौंपी। समोसा विवाद में भाजपा ने हिमाचल सरकार पर आरोप लगाया है कि उसे लोगों की समस्याओं से ज़्यादा मुख्यमंत्री के खाने की चिंता है। खास तौर पर “सरकार विरोधी” लेबल को देखते हुए। भाजपा विधायक और मीडिया प्रभारी रणधीर शर्मा ने कहा, “ऐसा लगता है कि सरकार को किसी विकास कार्य में कोई दिलचस्पी नहीं है और उसका ध्यान सिर्फ़ खाने पर है।”