नैनीतालः कुलपति ने किया डीएसबी परिसर के परीक्षा केंद्र का औचक निरीक्षण! परीक्षा प्रक्रिया का लिया जायजा, शुचिता बनाए रखने पर दिया जोर
नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत ने सोमवार को डीएसबी परिसर नैनीताल के परीक्षा केंद्र का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण विश्वविद्यालय की परीक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और पारदर्शी बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने परीक्षा कक्षों का भ्रमण कर परीक्षा प्रक्रिया का जायजा लिया और परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए आवश्यक दिशा.निर्देश भी जारी किए।
परीक्षा की शुचिता और अनुशासन पर विशेष ध्यान
कुलपति ने निरीक्षण के दौरान परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों और पर्यवेक्षकों को परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अनुचित साधनों का उपयोग किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि परीक्षा केंद्र में सुरक्षा और अनुशासन को सर्वोपरि रखा जाए।
विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश
निरीक्षण के उपरांत कुलपति ने विश्वविद्यालय प्रशासन और परीक्षा संचालन से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में परीक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि परीक्षा की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
छात्रों की प्रतिक्रिया पर संतुष्टि
निरीक्षण के दौरान कुलपति प्रो. रावत ने छात्रों से सीधा संवाद करते हुए उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने परीक्षा केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं जैसे बैठने की व्यवस्था, प्रकाश, वेंटिलेशन और अन्य मूलभूत संसाधनों का जायजा लिया और यह सुनिश्चित किया कि किसी भी अभ्यर्थी को किसी प्रकार की असुविधा न हो। छात्रों ने कुलपति से परीक्षा केंद्र में मौजूद सुविधाओं की सराहना की और उनकी उपस्थिति को प्रेरणादायक बताया। इस दौरान कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत ने कहा कि परीक्षा प्रणाली किसी भी शैक्षिक संस्थान की रीढ़ होती है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे विश्वविद्यालय में हर छात्र को एक स्वस्थ और निष्पक्ष परीक्षा वातावरण प्राप्त हो। छात्रों की सफलता और उनका नैतिक विकास हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इस दौरान प्रो. संजय पंत, प्रो. ललित तिवारी, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. हदेश कुमार आदि उपस्थित रहे।