नैनीताल:कैंची धाम में भीड़ नियंत्रित और व्यवस्थित करने के लिए प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य अखिलेश सेमवाल ने प्रशासन को दिया अहम सुझाव!

Nainital: State executive member of Provincial Industry Trade Representative Board, Akhilesh Semwal gave an important suggestion to the administration to control and organize the crowd at Kainchi Dha

इन दिनों पहाड़ों में पर्यटन सीजन चरम पर होता है लोग गर्मी से निजात पाने के लिए नैनीताल अल्मोड़ा रानीखेत जैसे पर्यटन स्थलों में सैर सपाटा करने जाते है । मई और जून में पहाड़ी क्षेत्रों में अब जाम की समस्या विकराल रूप लेने लगी है। उधर नैनीताल के समीप ही हर साल 15 जून को नीम करोली बाबा के कैंची धाम आश्रम में मेला लगता है। इस मेले में शामिल होने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग कैंची धाम पहुंचते हैं। 15 जून से पहले ही यहां भयंकर जाम ने लोगो को परेशान किया हुआ है आलम ये है कि विद्यार्थी जाम में फंसने के कारण अपनी परीक्षा नहीं दे पा रहे हैं,जाम में एम्बुलेंस फंस रही हैं,मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है,बीते दिनों तो जाम में फंसी एंबुलेंस में एक मरीज की मौत का मामला भी तूल पकड़ा था डीएम ने जांच के भी आदेश दिए थे। इमरजेंसी में लोगों को आवश्यक सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है। 


इन समस्याओं के मद्देनजर उत्तराखंड प्रदेश कार्यकारणी सदस्य प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल अखिलेश सेमवाल ने सुझाव देते हुए टूरिस्ट की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की मांग की है।उन्होंने कहा है कि कैंची धाम जैसी पवित्र और प्रसिद्ध जगहों पर भीड़ नियंत्रण और व्यवस्थित करने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करना एक अच्छा विचार हो सकता है। इससे न केवल यातायात व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए भी यह अनुभव और भी सुगम और सुरक्षित हो जाएगा। प्रशासन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि भक्तों की भारी संख्या के कारण कैंची धाम रोड पर लंबा जाम लग रहा है। ऐसे में कैंची धाम जाने वाले भक्त अपना कोई प्लान ट्रैफिक अपडेट देखने के बाद ही बनाए। 

बता दे कि पिछले कुछ दिनों से नैनीताल-भवाली रोड पर गाड़ियों की कतारें लगी हुई हैं और लोग कैंची धाम नहीं पहुंच पा रहे हैं। जो कैंची धाम जाना चाह रहे हैं उनकी गाड़ियों को भवाली सेनिटोरियम के पास ही पार्किंग में रोक लिया गया, यहां से भक्तों को कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा।