नैनीतालः ट्रैफिक व्यवस्था व पार्किंग की समस्या को लेकर दायर याचिका पर हुई सुनवाई! हाईकोर्ट ने सरकार सहित तमाम विभागों से मांगी रिपोर्ट, दिए अहम निर्देश

 Nainital: Hearing on the petition filed regarding traffic system and parking problem! High Court sought report from all departments including the government, gave important instructions

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने नैनीताल शहर की ट्रैफिक व्यवस्था व पार्किंग की समस्या को लेकर दायर प्रो. अजय रावत व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। खण्डपीठ ने अगली सुनवाई हेतु दो सप्ताह बाद कि तिथि नियत की है। तब तक कोर्ट ने सरकार सहित अन्य विभागों से अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। सुनवाई में खण्डपीठ ने कई दिशा निर्देश दिए। रैमजे हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने शिकायत दर्ज की, कि रैमजे हॉस्पिटल को रोड व हास्पिटल परिसर में अवैध रूप से लोगों ने अपनी गाड़िया पार्क की है। जिसकी वजह से हॉस्पिटल की 108 नम्बर की गाड़ी को आने-जाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए वाहनों को वहां से हटाने के आदेश पुलिस को दिए जाएं। जिसपर कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए कि रोड व हॉस्पिटल परिसर में खड़े वाहनों को शीघ्र हटाया जाय। ताकि हॉस्पिटल की गाड़ियां आसानी से आ जा सके। 

कोर्ट ने नगर पालिका व राज्य सरकार से कहा है कि घरों से निकलने वाला गीला, सूखा व अन्य जैसे प्लास्टिक अखबार, बिजली के बेकार कूड़े को घरों में ही तीन अलग-अलग  डस्टबिनो में डाला जाय ताकि उसे दुबारा अलग-अलग न करना पड़े। इसके लिए नगर पालिका सभी घरों को हरा, लाल व पिला कलर के तीन डस्टबिन मुहैय्या कराए। राज्य सरकार इसके लिए फंड की व्यवस्था करें। पालिका हॉस्पिटल व होटलों  व होम स्टे को भी डस्टबिन मुहैया कराए। टैक्सी बाइक के मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उन्हें फिलहाल कोई राहत नही दी। 

वहीं कोर्ट ने नैनीताल शहर की सड़कों का मूल्यांकन करने हेतु सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टिट्यूट दिल्ली व सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट रुड़की को पक्षकार बनाकर उनसे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

नगर पालिका द्वारा कहा गया कि मेट्रोल से कूड़ा उनके द्वारा छोटी गाड़ियों में भरकर नारायण नगर में लेजाकर बड़ी गाड़ियों में डाला जाता है। परन्तु वहां के ग्रामीण उसका विरोध कर रहे और पालिका के कर्मचारियों के साथ अभद्रता करते हैं। इसपर कोर्ट ने एसएसपी को निर्देश दिए है कि कर्मचारियों को पुलिस सुरक्षा दी जाय और एसएसपी ग्रामीणों के साथ बैठक कर मामले का समाधान निकालें। 

कोर्ट ने ट्रैफिक व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए एचएमटी रानीबाग से सटल सेवा प्रारम्भ करने का सुझाव राज्य सरकार को दिया है। कोर्ट ने चीफ सेकेट्री से इसपर विचार कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। ताकि सटल सेवा प्रारम्भ होने से नैनीताल, भवाली, कैंची, मुक्तेश्वर, रामगढ़ अन्य पर्यटन स्थलों में जाम की स्थिति उतपन्न न हो सके। |

पुलिस विभाग को निर्देश दिए हैं कि ट्रैफिक को लेकर जो पांच एप्प उत्तराखण्ड पुलिस ने बनाए है। उसको व्हाट्सएप के माध्यम से सभी नागरिकों को भेजे। ताकि वे अपनी शिकायत आसानी से दर्ज कर सकें।

पुलिस को यह भी निर्देश दिए हैं कि ट्रैफिक की निगरानी करने के लिए एक कंट्रोल रूम बनाये। जाम लगने वाली जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए। जिससे कंट्रोल रूम को पता चल सके कि जाम कहा पर लगा हुआ। 

कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग से पूछा है कि चीना बाबा मंदिर से लेकर मस्जिद चौराहे तक क्या रोड का चौड़ीकरण हो सकता है। क्योंकि यहां पर रोड संकरी है। आए दिन दुर्घटना की स्थिति बनी रहती है। पैदल चलने वालों के लिए रास्ता तक नही है। कोर्ट ने आदेश की प्रति चीफ सैकेट्री, सेकेट्री लोक निर्माण विभाग, सैकेट्री पर्यटन, सेकेट्री गृह, सेकेट्री ट्रांसपोर्ट, सेकेट्री शहरी विकास आईजी, जिला अधिकारी, एसएसपी को शीघ्र भेजने के आदेश भी दिए हैं। सुनवाई पर सुझाव दिया गया कि टोल ब्रिज को ताकुला व पाइंस के पास शिफ्ट कराया जाए। ताकि नैनीताल में जाम न लग सके। जिसको कोर्ट ने शपथपत्र के माध्यम से पेश करने को कहा है।