करबो, लड़बो और जीतबोः जिसके विरोध में एकजुट हुआ ‘समाज’, नहीं लिया गया उसी का ‘नाम’! रुद्रपुर में आयोजित राज्यव्यापी बंगाली महासम्मेलन में उठे सवाल, तो क्या रातों-रात हुआ ‘खेला’

‘कोरबो, लोड़बो और जीतबो’ के नारे के साथ आज रुद्रपुर में बंगाली समाज के हजारों लोग एकत्रित हुए और अपनी हकों की आवाज बुलंद की। रुद्रपुर के गांधी पार्क में आयोजित ‘राज्यव्यापी बंगाली महासम्मेलन’ में जिलेभर से हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने अपनी आवाज सरकार तक पहंचाने का प्रयास किया।
बता दें कि पिछले दिनों विधानसभा में भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान द्वारा दिए गए एक बयान से बंगाली समाज में खासा आक्रोश देखा गया। इस दौरान समाज के लोगों ने सड़क पर उतरकर विधायक चौहान के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा खोला और आक्रोश जताया। इस बयान के बाद से लगातार बंगाली समाज के लोग अपनी हकों की मांग उठा रहे हैं, इसी क्रम में आज रुद्रपुर के गांधी पार्क में बंगाली समाज द्वारा महासम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें जिलेभर से लोग पहुंचे और अपनी-अपनी बात रखी। लेकिन हैरानी की बात ये है कि जिसके विरोध में बंगाली समाज के लोग एकत्र हुए महासम्मेलन में उसके नाम का जिक्र तक नहीं हुआ। इसे सियासत कहें या फिर कुछ और! जो भी हो आज महासम्मेलन में जुटे लोगों के मन में ये सवाल बार-बार उठ रहा था। कुछ लोगों ने आवाज 24X7 से नाम न बताने की शर्त पर अपनी बात रखी और कहा कि जिसके विरोध में ये सम्मेलन हुआ, उसके नाम तक का जिक्र नहीं हुआ। इसको लेकर लोगों में अंदर ही अंदर नाराजगी भी देखने को मिली।
अब सवाल ये उठता है कि कल तक जिसके विरोध के लिए समाज को एकजुट करने की कवायद की जा रही थी, आज उसी का जिक्र न कर क्या संदेश दिया गया? क्या इसमें सियासत आड़े आई, या फिर समाज के लोग बिना किसी विवाद के अपनी मांगों को मनवाने के लिए राजी हो गए। ऐसे ही कई सवाल आज जिलेभर से महासम्मेलन में पहुंचे लोगों के मन में उठ रहे थे और दबी जुबान से हर कोई सियासत को कोस रहा था। इस दौरान सम्मेलन में कुछ लोग दबी जुबां से रातों-रात ‘खेला’ होबे की बात कहते हुए भी सुनाई दिए।
सम्मेलन में जुटे हजारों लोग
शुक्रवार को रुद्रपुर के गांधी पार्क में आयोजित राज्यव्यापी बंगाली महासम्मेलन में जिलेभर से हजारों की संख्या में बंगाली समाज के लोग पहुंचे। इस दौरान समाज के लोगों ने एकजुट होने का संदेश दिया और इसे एक शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा गया। हांलाकि बंगाली समाज से जुड़े कुछ राजनीतिक लोग मंच पर आसीन दिखे और उन्होंने भी अपनी बात रखी। लेकिन जिस प्रकार सम्मेलन में भीड़ देखने को मिली, उससे समाज की एकजुटता का संदेश राज्यभर में जरूर पहुंचा।
ये थी प्रमुख मांगें
गांधी पार्क में आयोजित राज्यव्यापी बंगाली महासम्मेलन में तीन मांगे प्रमुखता से उठाई गयी। इसको लेकर वक्ताओं ने मंच से खुलकर अपनी बात रखी और सरकार से इन मांगों को हर हाल में पूरा करने की बात कही। इस दौरान नमोशूद्र, पोंड्रा व मांझी जाति को अनुसूचित जाति का पूर्ण दर्जा प्रदान करने, बंगला भाषा को एक विषय के रूप में उत्तराखण्ड के शिक्षा में लागू करने और संत गुरूचांद छात्रवृत्ति कोष योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष निधि आबंटन करने व बंग भाषी बच्चों को विद्यालय में अन्य छात्रवृत्ति भी नियमित रूप से प्रदान करने की मांग उठाई गयी।
कथा वाचक के भाषण ने भरा जोश
राज्यव्यापी बंगाली महासम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे श्रीमद भागवत कथा वाचक व बंगाली कल्याण समिति के अध्यक्ष रामचंद्रा राय के भाषण के दौरान पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस दौरान उन्होंने युवाओं में खासा जोश भरा और प्रमुखता से अपनी बातें रखी। हांलाकि समय कम होने के चलते उन्होंने थोड़ी देर में ही अपना भाषण रोक लिया, जिसके चलते युवाओं में नाराजगी देखने को मिली। इस दौरान युवा वर्ग उनसे और बोलने की मांग करने लगा। बाद में आयोजकों ने युवाओं को शांत कराया।
ये लोग रहे मौजूद
महासम्मेलन के दौरान उत्तम दत्ता, सीमा सरकार, राजकुमार शाह, अनादि मण्डल, विवेकानंद विश्वास, शंकर चक्रवर्ती, हिमांशु सरकार, समीर राय, तरूण दत्ता, प्रेमानंद महाजन, डॉ. सुखी राय, मनोज राय, विकास, ममता हालदार, शिवकुमार राय, गोविन्द राय, परिमल राय, रवि सरकार, शंकर चक्रवर्ती, शुभम दास, दिलीप अधिकारी, रामचंद्र राय, अमित वैध, रोहित मण्डल, शिवपद सरकार, संजय, सुदर्शन विश्वास, गणेश सरकार, संजय राय, अशोक विश्वास, विक्की सरकार, रविन्द्र सरकार, उत्तम आचार्य, प्रसन्नजीत शाह, अर्जुन विश्वास आदि मौजूद थे।