अगले साल से पीएचडी में प्रवेश के लिए नेट क्वालीफाई करना होगा अनिवार्य! नए मानक तय
पीएचड़ी प्रवेश को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है। खबरों के मुताबिक अगले साल से पीएचडी प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) क्वालीफाई करना अनिवार्य होगा। इसको लेकर बकायदा उत्तराखंड के श्रीदेव सुमन विवि में शैक्षणिक सत्र 2025-26 से पीएचडी में दाखिले के लिए नई नियमावली तैयार कर ली है। यूजीसी ने पीएचडी दाखिले के लिए नए मानक तय किए हैं। यूजीसी के नए नियमों के मुताबिक पीएचडी में प्रवेश के लिए नेट क्वालीफाई करना अनिवार्य होगा। नई शिक्षा नीति के अनुरूप यूजीसी उच्च शिक्षा में विशेष रूप से प्रवेश प्रक्रिया में नए बदलाव कर रहा है। इसी के तहत फैसला किया गया है कि सभी पीएचडी दाखिलों के लिए नेट उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। हालांकि उन छात्रों को जिन्होंने पीएचडी और एमफिल में पहले ही आवेदन कर दिया है या प्रवेश मिल गया है, उन्हें नई नियमावली में छूट मिलेगी।
नए नियमों के तहत पीएचडी दाखिले के लिए श्रेणी-2 व श्रेणी-3 के अभ्यर्थियों के नेट पर्सेंटाइल को 70 फीसदी वेटेज में बदला जाएगा। वहींए इंटरव्यू का 30 फीसदी वेटेज होगा। इन दोनों श्रेणी में नेट स्कोर सिर्फ एक साल के लिए मान्य होगा। यदि इस अवधि में पीएचडी कार्यक्रम में दाखिला नहीं ले पाते तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। अभ्यर्थी को फिर से नेट पास करना होगा। यह पूरी व्यवस्था नए शैक्षणिक सत्र से लागू होगी।
श्रीदेव सुमन विवि के कुल सचिव दिनेश चंद्र के मुताबिक पीएचडी के लिए यूजीसी नेट परीक्षा की अनिवार्यता दिसंबर से लागू की जानी थी, लेकिन इस बार नेट और पीएचडी परीक्षा की तैयारी काफी पहले कर दी गई थी। इसी के चलते बार पीएचडी के लिए नेट की अनिवार्यता से छूट दी गई है। नए शैक्षणिक सत्र में दिसंबर माह में संपन्न कराई जाने वाली यूजीसी नेट परीक्षा का परिणाम तीन श्रेणियों में घोषित किया जाएगा, जिसके बाद पीएचडी के लिए नेट अनिवार्य हो जाएगा।