अलविदा भारतीय अर्थव्यस्था के वास्तुकार: बड़े फैसलों से बदली भारत की तस्वीर
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे। गुरुवार देर शाम उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से देशभर में शोक की लहर छा गई। बता दें कि मनमोहन सिंह दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे। मनमोहन सिंह ने अपनी पहचान एक राजनेता से कहीं अधिक एक कुशल अर्थशास्त्री के तौर बनाई। उन्होंने अपनी समझ और सूझबूझ से न सिर्फ दिवालिया होती भारतीय अर्थव्यस्था को बाहर निकाला बल्कि दुनिया के लिए उदारीकरण के दरवाजे खोलकर भारत को दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनने का रास्त साफ किया। उनके आर्थिक नीतियों के कारण न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी बल्कि आम लोगों की जिंदगी में भी बड़ा बदलाव आया। लोगों के पास रोजगार के मौके बढ़ें और इनकम में इजाफा हुआ। मनमोहन सिंह की नीतियों ने न केवल भारत की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद की, बल्कि सामाजिक और संरचनात्मक सुधारों में भी आमूलचूल बदलाव लाने का काम किया। मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री रहते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की दिशा में ले जाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने आयात-निर्यात नीति में सुधार किया और विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया। इससे भारत में रोजगार के मौके बढ़ें और लोगों की आय में बड़ा इजाफा हुआ।
मनमोहन सिंह की सरकार ने ही 2005 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की शुरुआत की। इसका बड़ा असर आज देखने को मिलता है। उनकी सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम लागू किया, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हुई। मनमोहन सिंह ने 2008 में अमेरिका के साथ ऐतिहासिक भारत-अमेरिका नागरिक परमाणु समझौता किया, जिससे भारत को वैश्विक परमाणु बाजार में प्रवेश करने और ऊर्जा संकट से निपटने में मदद मिली। आधार योजना की शुरुआत मनमोहन सिंह के कार्यकाल में हुई, जिसका उद्देश्य प्रत्येक भारतीय नागरिक को एक विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान करना था। मनमोहन सिंह सरकार ने बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया, जिससे शिक्षा का अधिकार सभी बच्चों तक पहुंचा। उनके कार्यकाल में भारत ने आर्थिक विकास की ऊंची दरें दर्ज कीं। 2004-2008 के बीच भारत की GDP वृद्धि दर 8% से अधिक रही। मनमोहन सिंह सरकार ने महिलाओं को 33% आरक्षण देने के लिए महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में प्रस्तुत किया। मनमोहन सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भारत निर्माण योजना की शुरुआत की गई, जिसमें सड़कों, बिजली और पानी की सुविधाओं पर जोर दिया गया।मनमोहन सिंह ने जननी सुरक्षा योजना और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन जैसी योजनाओं को लॉन्च किया, जिससे मातृत्व स्वास्थ्य और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ।