Good Morning India:भारत से तुरंत रिश्ते सुधारें ट्रंप:अमेरिकी सांसद,पाक रक्षा मंत्री ख़्वाजा का विवादित बयान:भारत के साथ कभी भी छिड़ सकती है जंग!80 करोड़ हिंदू जूतों की नोक पर,मौलाना का भड़काऊ बयान!प्रेमानंद महाराज के निधन की खबरें सोशल मीडिया में वायरल,अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में हाइकोर्ट ने सरकार को दिए अहम निर्देश

Good Morning India: Trump should immediately improve relations with India: Controversial statement by US Congressman and Pakistan Defense Minister Khawaja: War with India could break out at any time!

नमस्कार दोस्तों, आवाज 24X7 अपने खास कॉलम "गुड मॉर्निंग इंडिया" लेकर एक फिर आपके समक्ष प्रस्तुत है। आईए अभी तक की प्रमुख खबरों पर नजर डालते हैं 


अंतर्राष्ट्रीय समाचार 

अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य डेबोरा रॉस और सांसद रो खन्ना सहित 19 सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पत्र लिखकर भारत-अमेरिका संबंधों में आए तनाव और ट्रंप प्रशासन की नीतियों से हुए नुकसान की ओर ध्यान दिलाया है, जिसमें भारतीय वस्तुओं पर 50 फीसदी तक टैरिफ बढ़ाने का फैसला शामिल है, जिसने दोनों देशों के संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया और अमेरिकी उपभोक्ताओं व निर्माताओं के लिए भी हानिकारक साबित हुआ। सांसदों ने चेतावनी दी कि इन नीतियों ने भारत को चीन और रूस जैसे अमेरिका विरोधी देशों के करीब ला दिया है, जो खासतौर पर चिंताजनक है क्योंकि भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्वाड (अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान के साथ) के जरिए चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं के खिलाफ एक स्थिर शक्ति और संतुलनकारी भूमिका निभा रहा है। सांसदों, जो बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनके भारत से मजबूत पारिवारिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्ते हैं, ने ट्रंप से अपील की कि वे इन नुकसानदेह टैरिफ नीतियों को पलटें और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ इस महत्वपूर्ण साझेदारी को फिर से पटरी पर लाने के लिए तत्काल कदम उठाएं, ताकि दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारा जा सके और नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके।

 

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत के साथ युद्ध की संभावना जताते हुए विवादित बयान दिया है, जिससे ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में डर का माहौल है। उन्होंने समा टीवी को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि भविष्य में युद्ध होने पर पाकिस्तान बेहतर परिणाम देगा और उसके पास अब अधिक समर्थक हैं, जबकि भारत ने कुछ देशों का समर्थन खो दिया है। आसिफ ने यह भी कहा कि मुगल बादशाह औरंगजेब के शासनकाल को छोड़कर भारत कभी पूरी तरह एकजुट नहीं रहा, जिससे उनके नापाक इरादे जाहिर होते हैं। यह भड़काऊ टिप्पणी भारत द्वारा इस्लामाबाद को राज्य प्रायोजित आतंकवाद का समर्थन बंद करने या अपनी भौगोलिक उपस्थिति खोने की चेतावनी देने के कुछ दिनों बाद आई है, जिसने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।

 

अमेरिका के ग्रामीण इलाकों में स्कूलों और अस्पतालों को शिक्षकों व डॉक्टरों की कमी का सामना है, लेकिन ट्रंप प्रशासन के एच-1बी वीजा पर 1 लाख डॉलर के नए शुल्क ने विदेशी पेशेवरों की भर्ती को मुश्किल बना दिया है। साउथ डकोटा के क्रो क्रीक ट्राइबल स्कूल जैसे संस्थानों ने फिलीपींस से आए शिक्षकों से रिक्तियां भरीं, जो स्थानीय उम्मीदवारों के अभाव में जरूरी हैं, पर यह शुल्क ग्रामीण स्कूलों और अस्पतालों के लिए आर्थिक बोझ है। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार, अगले दशक में 87,000 डॉक्टरों की कमी हो सकती है, और यह नीति भारत जैसे देशों, जहां से 75% एच-1बी वीजा धारक आते हैं, को भी प्रभावित करेगी। इसके खिलाफ फेडरल कोर्ट में मुकदमा दायर हुआ है, क्योंकि यह शुल्क छोटे संस्थानों को कमजोर कर सकता है, जिससे ग्रामीण समुदायों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं और प्रभावित होंगी।


राष्ट्रीय समाचार 


वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम की ओर से 4 अक्टूबर को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें भक्तों से अपील की गई थी कि महाराज के अस्वस्थ होने के कारण वे अनिश्चित काल तक रात्रिकालीन भ्रमण पर नहीं जाएंगे, इसलिए भक्त दर्शन के लिए सड़क पर खड़े न हों, लेकिन इस नोटिस के दो दिन बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें महाराज की तबीयत बेहद खराब बताई गई और दावा किया गया कि वे अस्पताल में भर्ती हैं और उनका रोज़ाना डायलिसिस हो रहा है, जिसके बाद स्थिति और बिगड़ गई जब कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की झूठी खबरें फैलानी शुरू कर दीं, जिससे फेसबुक, एक्स और इंस्टाग्राम पर यह बात तेजी से फैल गई, खासकर फेसबुक पर सुनील पंडित नाम के एक यूजर ने लिखा कि 'अत्यंत दुखद प्रेमानंद महाराज जी ब्रह्मलीन हुए।

 

जिसके बाद उनके समर्थक भावुक हो उठे, लेकिन इन अफवाहों पर विराम लगाने के लिए मथुरा पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट कर स्पष्ट किया कि परम पूज्य संत प्रेमानंद महाराज जी पूर्णत: स्वस्थ हैं, और इस तरह पुलिस ने इन भ्रामक खबरों का खंडन कर स्थिति को संभाला।

'आई लव मोहम्मद' ट्रेंड ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया है, और बरेली में उपद्रवियों के खिलाफ यूपी पुलिस की कार्रवाई के बाद मामला और तूल पकड़ गया। इस बीच, सोशल मीडिया पर यूपी के पीलीभीत के पूरनपुर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें थाना सेहरामऊ क्षेत्र के दुर्जनपुर कलां गांव में मौलाना रेहान रजा खान मस्जिद के बाहर दर्जनों मुसलमानों की भीड़ को भड़काऊ भाषण दे रहा है। वीडियो में मौलाना कहता है कि वे अपने पैगंबर करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के प्रति अपनी मोहब्बत जाहिर करने के लिए इकट्ठा हुए हैं, और अगर बात उनकी मोहब्बत की आई तो न एक जान बल्कि करोड़ों जानें भी कुर्बान करने को तैयार हैं। उन्होंने भड़काऊ अंदाज में कहा कि चाहे 80 करोड़ लोग भी उनके सामने हों, वे उनके जूतों की नोक पर हैं, और जब पैगंबर की बात आएगी तो वे शांति से या जिस तरह चाहेंगे, उस तरह जवाब देंगे। मौलाना ने जोर देकर कहा कि मोहम्मद से वफादारी दिखाने में वे, उनके परिजन और बच्चे-बच्चे कुर्बान होने को तैयार हैं, और यही उनकी मोहब्बत की शान है।

सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को एक बार फिर महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी का तोहफा दिया है, जो खास तौर पर पांचवें और छठवें वेतन आयोग के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए है। वित्त मंत्रालय के आदेशानुसार, पांचवें वेतन आयोग के तहत वेतन पाने वाले कर्मचारियों का डीए 466% से बढ़ाकर 474% कर दिया गया है, यानी 8% की वृद्धि, जो 1 जुलाई 2025 से लागू होगी। वहीं, छठवें वेतन आयोग के तहत आने वाले कर्मचारियों का डीए 252% से बढ़ाकर 257% किया गया है, और यह भी 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होगा। बता दें कि पांचवें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2005 में समाप्त हुआ था, जबकि छठवां वेतन आयोग जनवरी 2006 से दिसंबर 2015 तक लागू रहा। कुछ केंद्रीय स्वायत्त संस्थानों और सार्वजनिक उपक्रमों में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं हुईं, जिसके कारण वहां के कर्मचारी अभी भी पुराने वेतन आयोगों के तहत वेतन पाते हैं। इसके अलावा, सातवें वेतन आयोग के तहत आने वाले लगभग 49.19 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68.72 लाख पेंशनभोगियों के लिए डीए और डीआर में 3% की वृद्धि की गई है, जिसके बाद यह मूल वेतन/पेंशन का 55% से बढ़कर 58% हो गया है, और यह भी 1 जुलाई 2025 से लागू है। इस वृद्धि से सरकारी खजाने पर सालाना 10,083.96 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सरकार वर्ष में दो बार डीए और डीआर में संशोधन करती है, और पिछला संशोधन मार्च में हुआ था, जो जनवरी 2025 से प्रभावी था।

बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात कर राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बंगाल में 'गुंडाराज' और पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेताओं पर हुए हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को कई बार बताने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने की बात कही। तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें भाजपा का एजेंट बताया।


उत्तराखंड समाचार

 

नैनीताल उच्च न्यायालय में अंकिता भंडारी हत्याकांड के अभियुक्तों पुलकित आर्या और सौरभ भास्कर द्वारा आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ दायर याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने सरकार को अपनी आपत्तियां प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तिथि निर्धारित की, हालांकि अभियुक्तों को अभी कोई राहत नहीं मिली; कोटद्वार के एडीजे कोर्ट ने मई में दोनों को अंकिता की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसमें आरोप था कि वनंत्रा रिसॉर्ट, ऋषिकेश में कार्यरत अंकिता को रिसॉर्ट स्वामी पुलकित, सौरभ और अंकित ने चीला बैराज में धक्का देकर मार डाला था; अभियुक्तों ने दलील दी कि घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं है, जबकि सरकार ने फोरेंसिक जांच के आधार पर उनकी घटनास्थल पर मौजूदगी और अंकिता के व्हाट्सएप चैट में इसकी पुष्टि होने का तर्क दिया, साथ ही यह भी बताया कि अभियुक्तों ने रिसॉर्ट के सीसीटीवी कैमरे बंद कर डीवीआर से छेड़खानी की थी। इस बीच, अंकिता के पिता ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर अभियुक्तों की याचिकाओं पर अपना पक्ष सुनने की मांग की, और कोर्ट ने निर्देश दिया कि जिन पक्षकारों को निचली अदालत के दस्तावेज नहीं मिले, उन्हें उपलब्ध कराया जाए, जिस पर सरकार ने स्पष्ट किया कि सभी दस्तावेज कोर्ट में जमा किए जा चुके हैं।

 

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मसूरी नगर पालिका के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की याचिका पर बुधवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में सुनवाई करते हुए कर्मचारियों को निर्देश दिया कि वे अपना प्रत्यावेदन नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को प्रस्तुत करें, साथ ही अधिशासी अधिकारी को आदेश दिया कि जब तक प्रत्यावेदन पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक इन कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान न्यूनतम वेतनमान प्रदान किया जाए; याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि वे पिछले दस वर्षों से अधिक समय से मसूरी नगर पालिका परिषद में समूह 'घ' कर्मचारी के रूप में दैनिक वेतन पर कार्यरत हैं, लेकिन पालिका द्वारा उन्हें नियमित करने पर कोई विचार नहीं किया गया है और न ही 'समान काम के लिए समान वेतन' के सिद्धांत के तहत नियमित कर्मचारियों के वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है।

उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा प्रदेश के 13 जिलों के 95 विकासखंडों में छह संस्कृत स्पर्धाओं—संस्कृत नाटक, समूहगान, समूहनृत्य, वाद-विवाद, आशुभाषण और श्लोकोच्चारण—के आयोजन की रूपरेखा तैयार की गई है, जिसके तहत बुधवार को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें जनपद संयोजक, सहसंयोजक और खंड संयोजकों को विस्तृत जानकारी दी गई; अकादमी के सचिव डाॅ. आनन्द भारद्वाज ने बताया कि संयोजक इन स्पर्धाओं के मुख्य सूत्रधार हैं और इनके माध्यम से छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व जनमानस को संस्कृत भाषा से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा, साथ ही संयोजकों को जिला व खंड शिक्षा अधिकारियों के सहयोग से अधिक से अधिक छात्रों को इन स्पर्धाओं से जोड़ने का निर्देश दिया गया, जबकि प्रदेश समन्वयक डाॅ. हरिशचन्द्र गुरुरानी ने स्पर्धाओं के नियम व उपनियमों की जानकारी दी, यह स्पष्ट करते हुए कि ये स्पर्धाएं कनिष्ठ (कक्षा 6 से 10) और वरिष्ठ (कक्षा 11 से स्नातकोत्तर) वर्गों में आयोजित होंगी, और इस संबंध में विस्तृत जानकारी अकादमी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रक्षाकर्मियों और उनके आश्रितों को त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए मुख्य न्यायाधीश जी. नरेन्दर के अनुमोदन से विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनके तहत प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों को सैन्यकर्मियों से जुड़े लंबित मामलों की पहचान कर उन्हें विशेष रंग कोड या टैगिंग के माध्यम से चिह्नित करने और प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करने का आदेश दिया गया है, साथ ही इन निर्देशों को तत्काल प्रभाव से लागू करने की अधिसूचना जारी की गई है; इसके अतिरिक्त, उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी (उजाला), भवाली को निर्देश दिए हैं कि न्यायिक अधिकारियों को समय-समय पर ऐसे मामलों की सुनवाई से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, ताकि वे सैन्यकर्मियों से जुड़े विशेष प्रावधानों से भलीभांति परिचित हो सकें और इन मामलों का शीघ्रता से निपटारा कर सकें।