सुर्खियों में गर्ब्याल साहबः कुमाऊं का यूट्यूबर और गढ़वाल का शकुनि पाण्डे कौन? आईएएस अधिकारी की फेसबुक पोस्ट से उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में मचा बवाल

Garbyal sahab in the headlines: Who is Kumaon's YouTuber and Garhwal's Shakuni Pandey? IAS officer's Facebook post creates ruckus in Uttarakhand's bureaucracy

यूं तो उत्तराखण्ड की नौकरशाही में आपसी मनमुटाव की खबरें अक्सर सुनने को मिलती हैं, लेकिन ताजा घटनाक्रम ने कुमाऊं-गढ़वाल से लेकर सचिवालय तक हलचल मचा दी है और कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, धामी सरकार में सचिव पद पर कार्यरत आईएएस अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने सोमवार को फेसबुक पर एक पोस्ट की, जिसमें उन्होंने ‘कुमाऊं के यूट्यूबर और गढ़वाल के शकुनि पाण्डे’ का जिक्र किया है। गर्ब्याल की इस पोस्ट से जहां सोशल मीडिया पर घमासान छिड़ा हुआ है, वहीं प्रशासनिक अमले में इस पोस्ट के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग (कुमाऊं के यूट्यूबर) को कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और (गढ़वाल के शकुनि पाण्डे) को गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डे से जोड़कर देख रहे हैं, हांलाकि आवाज 24x7 वायरल पोस्ट और कमेंट्स की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन इस पोस्ट ने उत्तराखण्ड की नौकरशाही में खासी हलचल मचाई हुई है। दरअसल आईएएस अधिकारी धीराज गर्ब्याल ने पोस्ट में लिखा ‘‘अरे कुमाऊं के यूट्यूबर खड़ी बाज़ार के अलावा बहुत काम जोड़ना भूल गया। वीडियो देख के जोड़ लेना। संस्कृति, स्थापत्य कला का संरक्षण क्या होता है ना तू समझ पाएगा और ना ही तेरा जोड़ीदार गढ़वाल का शकुनि पांडे! दोनों वीडियो देख के और मिलके इन कामों में प्रेस कांफ्रेंस करवाते रहना।’’ आईएएस अधिकारी धीराज गर्ब्याल ने इस पोस्ट के साथ नैनीताल डीएम रहते हुए उनके द्वारा बनवाए गए नैनीताल बाजार की वीडियो भी अटैच की। 

कुछ ही समय में वायरल हो गई पोस्ट
जैसे ही उन्होंने फेसबुक पर यह पोस्ट डाली, तो सोशल मीडिया पर हलचल मच गयी। देखते ही देखते उनकी यह पोस्ट खासी वायरल हो गयी। बताया जाता है कि आईएएस अधिकारी गर्ब्याल की यह पोस्ट उन व्हाट्सग्रुप में भी वायरल हुई, जिनसे कई आईएएस अधिकारी जुड़े हैं। जिसके बाद सचिवालय में अधिकारी व कर्मचारी भी इस पोस्ट के अपने-अपने हिसाब से मायने निकाल रहे हैं। पोस्ट वायरल होने के बाद जहां लोग इसे महाविस्फोट बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग यूट्यूबर और शकुनि पांडे का नाम पूछ रहे हैं। हालांकि कुछ घंटे बाद धीराज गर्ब्याल ने बवाल होता देख पोस्ट को हटा दिया था। 

वायरल पोस्ट पर लोगों ने दी अलग-अलग प्रतिक्रिया
इस बीच सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट पर लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों ने इसे कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डे से जोड़ा है। हांलाकि कुछ लोग पूछ रहे हैं गढ़वाल का शकुनि पाण्डे कौन? बता दें कि आईएएस दीपक रावत और विनय शंकर पाण्डे सीएम धामी के पसंदीदा अफसरों में गिनती रखते हैं और अपने कामों को लेकर अक्सर चर्चाओं में बने रहते हैं। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की बात करें तो वह न केवल अपनी तेज तर्रार कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं, बल्कि युवाओं के प्रेणास्रोत भी माने जाते हैं। और यही वजह है कि सोशल मीडिया पर उनकी अच्छी खासी फैन-फालोईंग है। उनका अपना यूट्यूब चैनल है, जिसके 43 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। आईएएस दीपक रावत यू ट्यूब चैनल से अक्सर युवाओं को प्रेरित करते हुए  दिखते हैं, जिसके चलते युवाओं में उनकी खासी लोकप्रियता है। वहीं अगर गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डे की बात करें तो वह सीएम धामी के करीबी अफसरों में अपनी गिनती रखते हैं और उत्तराखण्ड में कई महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं। आईएएस विनय शंकर पांडे को हरिद्वार डीएम रहते हुए उत्कृष्ट जिलाधिकारी सम्मान मिल चुका है वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के साथ-साथ आमजन में उनकी अच्छी खासी लोकप्रियता है।

आखिर क्यों डाली गई पोस्ट, क्या था इशारा?
अब यहां सवाल उठता है कि आखिर आईएएस अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने फेसबुक पर ऐसी पोस्ट क्यों की? और लोग इसे कुमाऊं और गढ़वाल कमिश्नर से जोड़कर क्यों देख रहे हैं। बता दें कि वर्तमान में शासन में अपर सचिव पद पर तैनात आईएएस धीराज सिंह गर्ब्याल हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल और नैनीताल के डीएम रह चुके हैं। चर्चाओं पर ध्यान दिया जाए तो इस मौजूदा विवाद के तार नैनीताल जिले के डीएम रहने के वक्त से जुड़े हैं। धीराज गर्ब्याल जब नैनीताल में डीएम थे तब उन्होंने पहाड़ी शैली, संस्कृति और स्थापत्य कला के संरक्षण का संदेश देते हुए बाजार और पर्यटन स्थल बनाए। आईएएस धीराज सिंह गर्ब्याल को डीएम नैनीताल रहते हुए राज्यपाल से उत्कृष्ट जिलाधिकारी सम्मान 2022 मिल चुका है। 

हाईकोर्ट में दायर की गई थी याचिका
आईएएस अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के खिलाफ कुछ दिन पहले ही नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिस पर हाई कोर्ट ने आईएएस अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल को नोटिस दिया है साथ ही राज्य सरकार को भी छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इस याचिका में शहर के सौंदर्यीकरण के नाम पर धांधली करने, डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फण्ड के दुरूपयोग से लेकर एससी/एसटी की जमीन का लैंड यूज चेंज करने और नियमों को ताक पर रखकर शस्त्र लाइसेंस देने जैसे कई आरोप लगे हैं। यही नहीं उन पर टेन्डर प्रक्रिया में अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के भी आरोप हैं। 

फेसबुक पोस्ट से ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप
आईएएस अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की पोस्ट और सूत्रों की मानें तो भ्रष्टाचार को लेकर लगाई गई जनहित याचिका के पीछे कुमाऊं के यूट्यूबर हो सकते हैं, जैसा कि उन्होंने पोस्ट में जिक्र किया है। बहरहाल आईएएस अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के खिलाफ जनहित याचिका का लगना और उनके कुछ दिनों बाद आईएएस गर्ब्याल द्वारा सोशल मीडिया में कुछ अधिकारियों के खिलाफ कटाक्ष करने से उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा हुआ है।