दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए भूकंप के झटके! दहशत में लोग 

Earthquake tremors felt in Delhi-NCR! People in panic

दिल्ली एनसीआर में सोमवार सुबह करीब 5:37 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई। इसका केंद्र नई दिल्ली और गहराई 5 किलोमीटर थी। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक सुबह 5:37 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। अचानक आए झटकों से लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप से फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। वहीं एनडीआर व अन्य एजेंसियां भी सतर्क हो गईं। 

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक वेंडर अनीश ने कहा,अचानक सब कुछ हिलने लगा और ग्राहक चिल्लाने लगे। वहीं नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे एक यात्री ने कहा, हमें ऐसा लग रहा था मानो कोई ट्रेन यहां जमीन के अंदर दौड़ रही हो।  सब कुछ हिल रहा था। एक अन्य व्यक्ति ने कहा, मैं वेटिंग लाउंज में था।  सभी वहां से भाग गए. ऐसा लगा जैसे कोई पुल या कुछ और गिर गया हो। दिल्ली-एनसीआर में पहले भी हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप के झटके आते रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इस क्षेत्र में हल्के झटके सामान्य हैं। इनसे सतर्क रहने की जरूरत होती है। भूकंप के दौरान लोगों को घबराने के बजाय सुरक्षा निर्देशों का पालन करना चाहिए।  भूकंप के लिहाज से दिल्ली-एनसीआर संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है और यह सीस्मिक जोन 4 में आता है. ये जोन उच्च भूकंपीय गतिविधि वाले क्षेत्रों में गिना जाता है,जहां मध्यम से तीव्र तीव्रता के भूकंप आने की संभावना रहती है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि दिल्ली-एनसीआर में 6.0 या इससे अधिक तीव्रता का भूकंप आता है तो नुकसानदायक साबित होगा। इस तीव्रता के भूकंप से दिल्ली में इमारतों को नुकसान पहुंच सकता है। 7.0 या उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप दिल्ली में बड़ी तबाही मचा सकता है। भूकंप के दौरान घनी आबादी, पुरानी इमारतें और अव्यवस्थित निर्माण इसे और जोखिमपूर्ण बनाते हैं।  ऐसे में भूकंप-रोधी उपाय व जागरूकता बहुत जरूरी हैं। दरअसल, पृथ्वी की चार प्रमुख परतें हैं, जिसे इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट कहा जाता है। पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेट्स घूमती रहती हैं, जिसके आपस में टकराने पर पृथ्वी की सतह के नीचे कंपन शुरू होता है।  जब ये प्लेट्स अपनी जगह से खिसकती हैं तो भूकंप महसूस किया जाता है। जानकारी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता अधिक होने पर इसके झटके दूर तक महसूस किए जाते हैं।