ब्रेकिंग: मोहन यादव होंगे मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री, जानें कौन हैं और कहां से शुरू किया अपना सियासी सफर
नई दिल्ली। आखिरकार लम्बे इंतज़ार के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया गया है। मोहन यादव को प्रदेश की कमान सौंपने का ऐलान कर दिया गया है। मोहन यादव ओबीसी समुदाय से आते हैं, तो ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व पार्टी ने ओबीसी समुदाय को साधने का प्रयास किया है। हालांकि, शिवराज सिंह चौहान भी ओबीसी समुदाय से आते हैं, लेकिन इस बार पार्टी ने शिवराज को किनारा कर मोहन यादव की ताजपोशी किए जाने का फैसला किया है।
दरअसल, विधायक दल की बैठक में मोहन यादव के नाम पर सहमति बन गई है। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। मोहन यादव को संघ का करीबी बताया जाता है। जानकारी के मुताबिक शिवराज सिंह चौहान ने ही मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव विधायक दल की बैठक में किया था। इस ऐलान के साथ ही सभी कयासों पर विराम लग गया है। अब सूबे की कमान मोहन यादव के हाथों में होगी।
आइए आपको मोहन यादव के बारे में बताते हैं। कौन हैं और कहां से शुरू किया सियासी सफर।
शिवराज सिंह चौहान सरकार में शिक्षा मंत्री रहे डॉ. मोहन यादव ने लंबे संघर्ष के बाद राजनीति में अहम जगह बनाई है। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर छात्र राजनीति से शुरू किया। उनकी गिनती उज्जैन क्षेत्र के प्रमुख नेताओं में होती है। मंत्री पद तक पहुंचने के लिए डॉ. मोहन यादव ने माधव साइंस कॉलेज से छात्र राजनीति का सफर शुरू कर 41 साल तक संघर्ष किया। पार्टी के भीतर विभिन्न पदों पर रहने के बाद, अंततः उन्हें सरकार में मंत्री पद की भूमिका मिली। वह कई बार अपने बयानों के कारण राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय रहे हैं।
आरएसएस के भीतर विभिन्न क्षमताओं में सक्रिय, मोहन यादव को 1997 में भाजपा राज्य समिति में जगह मिली और 1998 में पश्चिमी रेलवे बोर्ड के सदस्य के रूप में कार्य किया। उन्होंने संगठन के भीतर कई पदों पर कार्य किया है। 2004 और 2010 के बीच, वह उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष थे, और 2011 से 2013 तक, वह भोपाल में मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री रैंक) थे।
वहीं मध्य प्रदेश में दो डिप्टी सीएम बनाने का ऐलान किया गया है, जिसमें जगदीश देवड़ा, राजेश शुक्ला का नाम शामिल है। इसके अलावा नरेंद्र सिंह तोमर को एमपी विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है।