नैनीतालः जियोलॉजिकल सर्वे विषय पर समीक्षा! टिफिन टॉप और चाइना पीक समेत आपदा प्रभावित क्षेत्रों के ट्रीटमेंट को लेकर हुई चर्चा

Nainital: Review on Geological Survey! Discussion took place regarding the treatment of disaster affected areas including Tiffin Top and China Peak.

नैनीताल। सोमवार को जिला सभागार में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने ULMMC (uttarakhand landslide mitigation management company) के डायरेक्टर तथा अधिकारियों और नैनीताल जनपद के विभागीय अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक कर ULMMC द्वारा किए जा रहे नैनीताल नगर के जियोलॉजिकल सर्वे के विषय में समीक्षा की, बैठक में टिफिन टॉप एवं चाइना पीक, चार्टन लॉज, कृष्णापुर/सिपाहीधारा में दैवीय आपदा से प्रभावित क्षेत्र के ट्रीटमेंट और उपचार हेतु ULMMC द्वारा प्रस्तावित किए जा रहे उपचारात्मक कार्यों पर चर्चा की गई। नैनीताल शहर के टाऊन प्लानिंग के लिए योजनाबद्ध रूप से जियोलॉजिकल सर्वे तथा असुरक्षित स्थानों का चिन्हीकरण किए जाने के लिए ULMMC द्वारा अध्ययन कार्य आरम्भ हो चुका है तथा  सीबीआरआई के माध्यम से शहर के लगभग एक हजार घरों का भूकंप के दृष्टिकोण से अध्ययन किया जाना है। इस हेतु ULMMC और CBRI (central building research institute) के मध्य अनुबंध हो चुका है , जिलाधिकारी ने उक्त अध्ययन कार्यों में दोनों संस्थाओं को सहयोग देने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया, तथा समन्वय हेतु सचिव जिला विकास प्राधिकरण को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया। उन्होंने मानसून से पूर्व चार्ट्न लॉज और कृष्णापुर के कार्यों का तकनीकी अध्ययन और DPR निर्माण कार्य पूर्ण कर प्रथम चरण में उक्त दो स्थानों को टेक अप करने के लिए संस्था को निर्देशित किया। बैठक में वीसी ने माध्यम से जुड़े निदेशक यू एल एल एम सी डॉ शांतनु ने बताया कि वर्तमान में नैनीताल शहर को मॉडल टाऊन प्लानिंग सर्वे किया जाना है। मास्टर प्लान के लिए कंसलटेंसी एजेंसी के साथ एम ओ यू कर दिया गया है। जिसमें एजेंसी सर्वेक्षण, मृदा परीक्षण, जियोलॉजिकल मैपिंग, ड्रेनेज सिस्टम और डिज़ाइन डीपीआर का कार्य किया जाना है। इस कार्य के लिए सैंपल कलेक्शन आदि में प्रशासनिक सहयोग की आवश्यकता होगी, साथ ही निदेशक ULMMC द्वारा जिलाधिकारी की सलाह पर चार्ट्न लॉज और कृष्णापुर के कार्य को प्रथम चरण में किए जाने हेतु सहमति दी गई।  बैठक में  ईई लोनिवि रत्नेश सक्सेना सहित, सिंचाई, नगर पालिका, आपदा, जल निगम, प्राधिकरण आदि विभागों के  अन्य अधिकारी मौजूद रहे।