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बड़ी खबरः कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत का मामला! केन्द्र सरकार सख्त, आज राज्यों के साथ बैठक करेंगे स्वास्थ्य सचिव! उत्तराखण्ड में ताबड़तोड़ छापेमारी

Big news: Children have died from cough syrup consumption! The central government is taking a tough stand, with the state health secretaries meeting today! Rapid raids are underway in Uttarakhand.

नई दिल्ली/देहरादून। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप के चलते बच्चों की मौत के मामले में केंद्र सरकार एक्शन मोड पर नजर आ रही है। केंद्र सरकार आज शाम सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक करने जा रही है। जिसमें दवाओं के गुणवत्ता को लेकर अहम फैसले लिए जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक रविवार शाम चार बजे केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों और औषधि नियंत्रकों के साथ कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग और दवाओं की गुणवत्ता पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक करने वाले हैं।
इधर प्रतिबंधित कफ सीरप और दवाईयों के खिलाफ उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की संयुक्त टीमों ने शनिवार को प्रदेशभर में छापेमारी की। इस दौरान मेडिकल स्टोरों पर जांच पड़ताल की गयी। स्वास्थ्य महकमे की इस कार्रवाई से मेडिकल स्टोर संचालकों में हड़कंप मच गया। यह अभियान हाल ही में राजस्थान और मध्य प्रदेश में खांसी की दवा के सेवन से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद शुरू किया गया है। उत्तराखंड सरकार ने इसे जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मामला मानते हुए तत्परता से कार्रवाई प्रारंभ की है। अपर आयुक्त ने देहरादून के जोगीवाला, मोहकमपुर समेत कई क्षेत्रों में औषधि दुकानों का निरीक्षण किया। सभी जिलों में औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस माह के भीतर सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और खुदरा दुकानों से सीरप के नमूने लेकर प्रयोगशाला परीक्षण करवाएं। ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि एफडीए की टीमें प्रदेशभर में सक्रिय हैं। यदि किसी भी स्तर पर दोष पाया गया तो संबंधित कंपनी या विक्रेता के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेश जारी किए कि केंद्र की एडवाइजरी को प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू कराया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य से बड़ा कोई विषय नहीं हो सकता। स्पष्ट निर्देश दिए कि औषधि निरीक्षक चरणबद्ध तरीके से कफ सीरप के नमूने एकत्र करें। उनकी गुणवत्ता की प्रयोगशाला जांच कराएं ताकि किसी भी दोषपूर्ण या हानिकारक दवा को बाजार से तत्काल हटाया जा सके। उन्होंने सभी डॉक्टरों से अपील की है कि वे बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सीरप न लिखें। बता दें कि सरकार ने विशेष रूप से डेक्ट्रोमेथोर्फन युक्त सीरप और क्लोरफेनिरामाइन मेलेट और फिनाइलेफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड संयोजन वाली दवाओं को चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित किया है।