बड़ी खबरः पशुओं को दी जाने वाली एंटी माइक्रोबियल दवाओं पर लगा प्रतिबंध! उत्तराखण्ड में भी आदेश जारी, जानें कौन-कौन सी दवाओं पर लगा बैन
देहरादून। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पशुओं को दी जाने वाली एंटी माइक्रोबियल से संबंधित दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके बाद उत्तराखंड खाद्य संरक्षा एवं ड्रग्स प्रशासन ने प्रदेश में एंटी माइक्रोबियल से संबंधित दवाओं के इंपोर्ट, एक्सपोर्ट और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन उत्तराखंड (एफडीए) के अपर आयुक्त ने आदेश जारी कर दिए हैं। एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी की ओर से जारी आदेश के अनुसार पशुओं को दी जाने वाली कुछ रोगाणुरोधी पदार्थों और उनके फॉर्मूलेशन्स के आयात, निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाया गया है। दरअसल भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर 23 सितंबर 2025 को पत्र जारी किया गया था। जिसके तहत केंद्र सरकार ने पशुओं के उपयोग के लिए तमाम रोगाणुरोधी समूहों के रोगाणुरोधी पदार्थों और उनके फॉर्मूलेशन्स के आयात, निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है। पशुओं के बीमार पड़ने पर दी जाने वाली 15 एंटीबायोटिक्स पर रोक लगाई गई है। जिसमें यूरिडोपेनिसिलिन, सेफ्टोबिप्रोल, सेफ्टारोलाइन, साइडरोफोर सेफलोस्पोरिन, कार्बापेनेम्स, पेनेम्स, मोनोबैक्टम्स, ग्ल्य्कोपेप्तिदेस, लिपोपेप्टाइड्स, ऑक्साजोलिडिनोन्स, फिडैक्सोमिसिन, प्लाजोमिसिन, ग्लाइसिलसाइक्लिन्स, एरावासाइक्लिन और ओमाडासाइक्लिन नामक एंटीबायोटिक्स शामिल है।
इसके साथ ही पशुओं के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली 18 एंटीवायरल्स पर प्रतिबंध लगाया है, जिसमें अमैंटाडाइन, बालोक्साविर मार्बॉक्सिल, सेल्गोसिविर, फेविपिराविर, गैलिडेसिविर, लैक्टिमिडोमाइसिन, लैनिनामिवीर, मेथिसाजोन/मेटिसाजोन, मोलनुपिराविर, निटाज़ोक्सानाइड, ओसेल्टामिवीर, पेरामिविर, रिबाविरिन, रिमांटाडाइन, टिज़ोक्सानाइड, ट्रायजाविरिन, उमिफेनोविर और जानामिवीर नामक एंटीवायरल्स शामिल है। इसके अलावा पशुओं को दी जाने वाली एक एंटी प्रोटोजॉल्स पर प्रतिबंध लगाया है, जिसका नाम निटाजोक्सानाइड है।