बहराइच हिंसाः कहीं साजिश तो नहीं, पुलिस के लाठीचार्ज पर उठे सवाल,गम-गुस्सा और सन्नाटा

Bahraich violence: Is there any conspiracy, questions raised on police lathi charge, grief, anger and silence

उत्तरप्रदेश के बहराइच के महसी के महराजगंज कस्बे में प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुई पत्थरबाजी और गोलीकांड की आग धीरे-धीरे पूरे जिले में फैल गई। सोमवार सुबह से जिले में डर और दहशत का माहौल रहा। शहर की मुख्य बाजार घंटाघर से पीपल तिराहे तक की दुकानें बंद रहीं। महराजगंज कस्बे में सुबह से ही सन्नाटा रहा। सिर्फ पुलिसकर्मी ही नजर आए। दहशत के बीच लोग अपने घरों में कैद रहे और बाजार की सभी दुकानें बंद रहीं। विवाद का असर शिवपुर विकासखंड की बजारों में भी देखने को मिला। पूरे शिवपुर में बंदी रही। इस दौरान जगह-जगह प्रदर्शन होता रहा। खैरीघाट, भगवानपुर चौराहा, राजी चौराहा व महसी में भी बजारें बंद रहीं। रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद जारी हिंसा नहीं थम रही है। सोमवार सुबह आक्रोशित भीड़ ने हरदी, साधुवापुर, भगवानपुर और राजी चौराहे पर आगजनी की। आक्रोशित भीड़ ने हरदी चौराहे पर दुकानों के बाहर लगी होर्डिंग में आग लगा दी। वहीं, राजी चौराहे पर रखे टायर में आग लगा दी, जिसे दमकल वाहनों ने बुझाया। यही नहीं, भीड़ ने सधुवापुर और भगवानपुर चौराहे पर भी उपद्रव किया। धाबली में छप्पर में आग लगा दी, जिसके बाद पहुंची पुलिस और पीएसी के जवानों ने मोर्चा संभाला और लाठी फटकार कर प्रदर्शन कर रहे लोगों को खदेड़ा। आक्रोशित भीड़ ने चंदपईया और कबडियनपुरवा गांव में भी तोड़फोड़ और आगजनी की। इसके बाद पूरे क्षेत्र में लोग सहमे रहे।


यूपी के बहराइच जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान रविवार को महसी के महराजगंज में युवक की निर्मम हत्या किसी साजिश का नतीजा तो नहीं थी। हत्या से पूर्व सुनियोजित तरीके से विसर्जन जुलूस में बवाल और पत्थरबाजी उसके बाद युवक की गोली मारकर हत्या करना खुफिया तंत्र व पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रही है। विसर्जन जुलूस के दौरान जब दोनों पक्षों में झड़प शुरू हुई, अगर उसी समय जुलूस में ड्यूटी पर तैनात पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत कराने में दिलचस्पी लेते, तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं होती, लेकिन पुलिस के जिम्मेदारों ने दोनों पक्षों को समझाने के बजाए एक पक्ष पर लाठीचार्ज कर दिया। इससे जिले का अमन चैन तो बिगड़ा ही साथ में महराजगंज की आग पूरे जिले में फैल गई।महाराजगंज में हुई युवक की हत्या के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया तो गुस्साए परिजनों के साथ लोगों ने शव को मेडिकल कॉलेज के सामने रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। लेकिन वहां भी पुलिस की मानवता नहीं दिखाई दी। पुलिस ने पहले अपनी दबंगई के बल पर गुस्साए लोगों को शांत करने के बजाए सड़क से जबरन हटाने की कोशिश की, लेकिन लोगों के भड़के गुस्से के सामने पुलिस को पीछे हटना पड़ा। इसके बाद पुलिस की लाठियां आला अधिकारियों के सामने श्रद्धालुओं पर जमकर बरसीं। हालत यह रही कि अस्पताल चौराहे और चौक बाजार पर पुलिस ने निर्दोष श्रद्धालुओं को जमकर लाठियों से पीटा। इस दौरान सड़क से निकलने वाले बाइक सवारों को भी पुलिस ने नहीं बख्शा। प्रतिमा विसर्जन के दौरान रामगोपाल मिश्रा की हत्य से पूरा परिवार बिखर गया। परिजनों के अनुसार रामगोपाल की शादी तीन महीने पहले रोली के साथ हुई थी। घटना के बाद से रोली का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार पति का नाम लेकर बेहोश जा रही है।

परिजनों ने कहा कि हर साल प्रतिमा का विसर्जन होता है। यह पहली बार नहीं था। ऐसे में पुलिस प्रशासन को पुख्ता इंतजाम करना चाहिए था। पहले तो वह इंतजाम सही नहीं कर सके, जब बवाल हुआ तो उसको काबू नहीं कर पाए। सीधा सीधा उन्होंने पुलिस प्रशासन की नाकामी बताई। यह भी कहा कि बवाल के बाद उनके ही पक्ष पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। दूसरे पक्ष पर मेहरबानी दिखाई गई। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने में भी लापरवाही की गई। देर रात बस फोटो खिंचाने के लिए आला अफसर मौके पर पहुंचे। इसे लेकर भी लोगों में नाराजगी है। हिंसा ने रामगोपाल के परिवार को जिंदगी भर का गम दिया। परिवार और इलाका गम में डूबा है। गम के साथ गुस्सा भी है। वह हर कीमत पर इंसाफ चाहते हैं। वहीं सोमवार शाम ढलते-ढलते हिंसा प्रभावित इलाके में सन्नाटा पसर गया। दोपहर बाद बवाल काबू होने के बाद पुलिस, पीएसी और आरएएफ की तैनाती की गई। लगातार गश्त जारी है। इलाके के लोग दहशत में हैं। इसलिए अधिकतर घरों में कैद रहे। छिटपुट लोग ही घर के बाहर निकले। वह भी शाम ढहते-ढलते पूरी तरह से घर में कैद हो गए। कदम-कदम पर पुलिस की मौजूदगी है। हर आने जाने वाले से पूछताछ की जा रही है। करीब आठ सौ मीटर के क्षेत्र में जगह-जगह वाहनों में आग लगाई गई। दो शोरूम व एक अस्पताल भी इसी दायरे में है। कई गाड़ियां तोड़ी गईं। सारे सुबूत हिंसा और बवाल के गवाही दे रहे हैं। बाइक शोरूम देर शाम सात बजे तक धधकता रहा। किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि कोई उसको बुझाए। शोरूम मालिक वहां से जा चुके हैं। हिंसा प्रभावित इलाके के लोग डरे हुए हैं। वह मीडिया से बात करने को राजी नहीं हो रहे थे। एक-दो लोगों ने बात की लेकिन उनका कहना था कि वह अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहते हैं। उनका कहना था कि हिंसा ने पूरे इलाके को तबाह कर दिया। लोग परेशान हो गए। एक के घर का चिराग बुझ गया। सभी बस यही चाहते हैं कि इलाके में शांति कायम हो।

 

हिंसा के बाद हालात अनियंत्रित होते देख प्रशासन की तैयारी महराजगंज क्षेत्र में कर्फ्यू लगाने जैसी दिखने लगी है। जिला प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए प्रदेश मुख्यालय से मदद मांगी, जिसके बाद सोमवार को लखनऊ से पांच ट्रक आरएएफ और लगभग 13 ट्रक और बस मिलाकर पीएसी जवान भेजे गए। सोमवार शाम करीच चार बजे सभी वाहन जरवलरोड में विसर्जन जुलूस में फंसे दिखे। इनमें मौजूद इंस्पेक्टर से बात की गई तो उन्होंने बहराइच में स्थिति नियंत्रण के लिए जाने की बात कही। बहराइच के घटनाक्रम के विरोध में सोमवार को हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने सोमवार सुबह विश्व हिंदू परिषद के जिला सह मंत्री कमलेश शुक्ल उर्फ ननकू के नेतृत्व में गिलौला में जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान नाराज कार्यकर्ताओं ने गिलौला में बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद करा दिए। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाकर विरोध प्रदर्शन खत्म कराया। इसके बाद बाजार फिर खुल गया। मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए हत्याकांड के बाद सोमवार की सुबह जब मृतक राम गोपाल मिश्रा का शव उनके गांव रेहुआ मंसूर पहुंचा तो भीड़ उग्र हो गई। जगह-जगह विवाद शुरू हो गया और आगजनी एवं तोड़फोड़ की घटनाएं शुरू हो गई। वहीं घटना से संबंधित वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। जिस पर लगाम लगाने के लिए शासन की ओर से पूरे जिले में इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी गईं। इससे लोगों को भारी परेशानी हुई। सबसे ज्यादा परेशानी बैंकिंग सेवाओं के प्रभावित होने से रही। बैंकिंग सेवाओं के लिए लोग इधर-उधर भटकते नजर आए। आलम यह रहा कि कई लोगों ने इंटरनेट सेवा के लिए पड़ोसी जनपद श्रवस्ती तो कइयों ने गोंड़ा का रुख किया। वहीं बाराबंकी जिले के नजदीक के लोगों ने घटनाक्रम की जानकारी के लिए बाराबंकी और महसी के लोगों ने सीतापुर क्षेत्र का रुख किया। हालांकि सीतापुर सीमा पर दोपहर के बाद शाम के समय पुलिस ने आवागमन रोक दिया। नेट न चलने से बैंकिंग सेवाएं ठप रही और लोग बैंकिंग सेवाओं के लिए लोग सबसे ज्यादा भटकते देखे गए।