रुद्रपुर का अंकित हत्याकाण्डः पैसों की चोरी, समोसे का लालच और मौत से हुई मुलाकात! बाप ही निकला बेटे का हत्यारा, शातिराना अंदाज में दिया वारदात को अंजाम! जानें कैसे खुला राज?

Ankit murder case of Rudrapur: Theft of money, greed for samosas and meeting death! Father turned out to be the murderer of his son, executed the crime in a cunning manner! Know how the secret was re

रुद्रपुर में नाबालिग के हत्याकाण्ड मामले को लेकर जो खुलासा हुआ है, वह हैरान और परेशान करने वाला है। मामले में पुलिस ने नाबालिग के पिता को गिरफ्तार कर आज बुधवार को सलाखों के पीछे भेज दिया है और पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठाया है। इस घटनाक्रम में पैसों की चोरी से लेकर समोसे का लालच और हत्याकाण्ड तक का पूरा वाकया बेहद हैरान करने वाला है। दरअसल नाबालिग की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि उसके अपने पिता ने ही की थी और हत्याकाण्ड के बाद वह घड़ियाली आंसू बहाकर पुलिस और परिजनों को गुमराह कर रहा था। हांलाकि पुलिस ने 24 घंटे के भीतर ही पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठाते हुए आरोपी को सलाखों के पीछ भेज दिया है, लेकिन पुलिस के खुलासे में जो बातें सामने आईं हैं वह किसी फिल्मी कहानी की तरह लगती है। 
गौरतलब है कि 15 अप्रैल, मंगलवार को रुद्रपुर के सिडकुल क्षेत्र में खाली प्लॉट पर एक नाबालिग का शव बरामद हुआ था। इस घटना ने हर किसी को झंकझोर कर रख दिया था। सूचना पर पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और जानकारी जुटाई। मृतक नाबालिग की शिनाख्त आजाद नगर ट्रांजिट कैंप निवासी 15 वर्षीय अंकित के रूप में हुई। पुलिस जांच में पता चला कि नाबालिग अंकित की हत्या गला घोंटकर की गयी है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस की टीमें जांच में जुट गयी और सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। इस दौरान पुलिस को मृतक अंकित के पिता देवदत्त पर शक हुआ, जो बार-बार बयान बदल रहा था।पुलिस ने पूरे मामले में कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें एक फुटेज में देवदत्त अपने बेटे अंकित को साईकिल से घटनास्थल की ओर ले जाता देखा गया। इसके बाद पुलिस ने देवदत्त को पूछताछ के लिए उठा लिया। आखिरकार वह टूट गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया। आज एसएसपी कार्यालय में एसपी क्राइम निहारिका तोमर ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया।

एक दिन पहले ही बेटे ने चुराए थे 10 हजार, सुबह हुआ था झगड़ा
पुलिस पूछताछ में देवदत्त गंगवार ने बताया कि वह विगत चार वर्षों से आजाद नगर थाना ट्रांजिट कैंप क्षेत्र में परिवार के साथ रहता है। परिवार में उसकी पत्नी आरती व दो बेटे अंकित और लक्ष्य थे। बताया कि वह सिडकुल की एक कंपनी में काम करता है और महीने के 18 हजार रूपए कमाता है। देवीदत्त के मुताबिक उसका बड़ा बेटा अंकित अक्सर घर में रखे पैसों की चोरी कर लिया करता था, जिसको लेकर अक्सर घर में कलेश होता रहता था। बताया कि विगत 12 अप्रैल को अंकित अपनी मां के साथ यूपी के पीलीभीत से लौटा था और आने के बाद उसने घर में रखे 10 हजार रूपए चुरा लिए थे, जिसको लेकर मंगलवार 15 अप्रैल को उनके बीच कहासुनी हो गयी। जिसपर उसने बेटे अंकित की पिटाई भी की। तभी उसने मन ही मन बेटे अंकित की हत्या की योजना बना ली। 

पूरी प्लानिंग के तहत दिया वारदात को अंजाम
योजना के तहत देवदत्त बड़े बेटे अंकित और छोटे बेटे लक्ष्य को स्कूल छोड़ने के बहाने घर से निकला और साइकिल से दोनों को छोड़ने चला गया। स्कूल के बाहर पहुंचने पर देवीदत्त ने छोटे बेटे को साइकिल से उतार दिया और बड़े बेटे अंकित को समोसे का लालच देकर अपने साथ ले गया। इसके बाद आरोपी देवदत्त बेटे को सिडकुल क्षेत्र स्थित एक सुनसान प्लॉट पर ले गया, जहां लकड़ी इक्ट्ठा करने के बहाने से उसने बेटे से कमीज उतरवा ली और मौका देखते ही उसी कमीज से बेटे का गला घोंटकर उसे मौत के घाट उतारा दिया। 

वारदात को अंजाम देने के बाद कंपनी चला गया था आरोपी
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी देवदत्त कंपनी में चला गया और सहकर्मी का मोबाइल लेकर अपने भतीजे अभिषेक को फोन मिलाया। इस दौरान उसने आवाज बदलकर भतीजे अभिषेक को बताया कि उसका भाई अंकित रिद्धि-सिद्धी कंपनी के पीछे खाली प्लॉट में बेहोश पड़ा है और फिर फोन रख दिया। सूचना पर अभिषेक अपने कुछ परिचितों को लेकर घटनास्थल की तरफ भागा और अंकित की खोजबीन की, लेकिन उन्हें अंकित नहीं मिला। इसके बाद अभिषेक ने आरोपी देवदत्त को फोन किया और घटना की जानकारी दी। इसके बाद देवदत्त घर पहुंचा और भतीजे अभिषेक को लेकर घटनास्थल की तरफ गया और फिर वहां अंकित का शव बरामद हुआ। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गयी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच-पड़ताल की।

आवाज बदलकर भतीजे को दी सूचना और घर पहुंचकर नंबर किया डिलीट, ऐसे खुला राज
आरोपी देवदत्त ने इस पूरे घटनाक्रम को शातिराना अंदाज में अंजाम दिया। उसने पूरे प्लानिंग के साथ बेटे की हत्या की और उसके बाद बेटे की मौत का दुख जताते हुए पुलिस और परिजनों को गुमराह करता रहा। वह इस अपराध से पूरी तरह अंजान बनकर यह जता रहा था कि उसे कुछ पता नहीं है, लेकिन उसकी कुछ गलतियों ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। दरअसल वारदात को अंजाम देने के बाद देवदत्त ने सबसे पहले आवाज बदलकर भतीजे को फोन किया और घटना की जानकारी दी। उसके बाद जब वह कंपनी से घर पहुंचा तो उसने भतीजे अभिषेक के फोन से वह नंबर डिलीट कर दिया, जिससे उसने फोन किया था। इसके बाद वह अभिषेक को ठीक उसी जगह पर लेकर पहुंचा जहां बेटे अंकित की लाश पड़ी थी, जबकि इससे पहले करीब 1 घंटे तक अभिषेक और अन्य लोग अंकित को खोजते रहे, लेकिन उन्हें वह नहीं मिला। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज और आरोपी देवदत्त के बयानों ने घटनाक्रम से पर्दा उठाया और पूरे मामला का खुलासा हो गया। 

मां करती थी बेटे का सपोर्ट
पुलिस पूछताछ में आरोपी देवदत्त ने बताया कि बेटे की गलत आदतों की वजह से वह खासा परेशान था और आए दिन बेटा घर से पैसे चोरी कर लेता था। देवीदत्त के मुताबिक अंकित की मां उसका सपोर्ट करती थी, जिसके चलते उसे हमेशा चुप होना पड़ता था और इसी के चलते अंकित लगातार पैसों की चोरी करता रहता था।