ऐसा भीः गूगल मैप का सहारा लेना पड़ा भारी! मुसीबत में फंस गया परिवार, जंगल में बितानी पड़ी रात
नई दिल्ली। इन दिनों गूगल मैप को लेकर तमाम खबरें सामने आ रही हैं। अभी कुछ समय पहले बरेली में एक दर्दनाक हादसा हुआ था, जिसका जिम्मेदार कुछ हद तक गूगल मैप को ठहराया गया था। वहीं अब कर्नाटक के बेलागावी से भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। दरअसल बिहार का एक परिवार गोवा घूमने निकला था, लेकिन गूगल मैप पर भरोसा करना इस परिवार को भारी पड़ गया और परिवार को घने जंगल में रात बितानी पड़ी। गांव के लोगों और पुलिस की मदद से अगले दिन उन्हें बाहर निकाला गया। पुलिस के मुताबिक बच्चों सहित छह.सात लोगों का परिवार जंगल में लगभग आठ किलोमीटर अंदर फंसा हुआ था।
जानकारी के मुताबिक बिहार के राजदास रंजीतदास और उनका परिवार गोवा की यात्रा के लिए गूगल मैप्स को फॉलो कर रहा था। खानपुर शहर से गुजरने के बाद मैप ने उन्हें शिरोडागा और हेमदागा गांवों के बीच एक रास्ता दिखाया, जो उन्हें भीमगढ़ वन्यजीव क्षेत्र में 7 किलोमीटर अंदर ले गया। क्षेत्र में कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं होने के कारण, परिवार ने रात कार में बिताई। इस दौरान वह किसी से संपर्क नहीं कर पा रहे थे।
पुलिस ने बताया कि परिवार को यह नहीं पता था कि जंगल से बाहर कैसे निकला जाए, इसलिए उन्होंने पूरी रात अपनी बंद कार में वन्यजीवों से घिरी हुई बिताई। अगली सुबह परिवार ने लगभग 3 किलोमीटर तक अपना रास्ता फिर से तय किया, जहां उन्हें मोबाइल नेटवर्क कवरेज फिर से मिल गया। उन्होंने तुरंत पुलिस हेल्पलाइन पर कॉल करके अपनी स्थिति बताई। बेलगावी पुलिस नियंत्रण कक्ष ने खानपुर पुलिस को सूचना दी जिन्होंने जीपीएस का उपयोग करके परिवार का पता लगाया और ग्रामीणों की मदद से उन तक पहुंचे। इंस्पेक्टर नायक ने कहा कि परिवार भाग्यशाली था कि वे एक ऐसे स्थान पर फंसे हुए थे जहां उन्हें मोबाइल सिग्नल मिल गया क्योंकि वन क्षेत्र अपने वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। हाल ही में यहां एक किसान पर भालू ने हमला कर दिया था।