जहरीली शराब पीने से 28 मौतें! कई लोगों की आंखों की रोशनी गायब
बिहार में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बुधवार से अबतक 28 लोगों की जान जा चुकी है। इसके अलावे दर्जनों लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। वहीं कई लोगों को गंभीर हालत में पटना रेफर किया गया है। सिवान में 20 और छपरा में 4 लोगों की मौत की प्रशासनिक पुष्टि हुई है।
सिवान में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के माघर गांव में पॉलीथिन वाली जहरीली शराब पीने के बाद लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी थी। उल्टी, पेट दर्द और आंखों से नहीं दिखने की शिकायत के बाद कई लोगों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिनमें से 24 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 4 लोगों को पीएमसीएच रेफर किया गया है, इनकी आंखों की रोशनी चली गई है। जिन 20 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, उनमें भगवानपुर प्रखंड के कौड़िया निवासी अरविंद सिंह, रमेंद्र कुमार, बिट्टू सिंह, दीपक कुमार, सोनू कुमार, बैजनाथ रावत, तारकेश्वर महतो, खेरा निवासी लगन मुसहर, प्रदीप मांझी, माघर निवासी संतोष महतो, मुन्ना, बृजमोहन सिंह, मोहन साह, रामू कुमार, विनय कुमार, राकेश पटेल और तिलेश्वर प्रसाद और शिव चंद्र महतो शामिल हैं। उधर, सारण जिले के मसरख थाना क्षेत्र अंतर्गत इब्राहिमपुर गांव में भी जहरीली शराब ने 4 लोगों की जान ले ली। परिजनों के मुताबिक मंगलवार की रात सभी ने शराब का सेवन किया था। शराब पीने के कुछ ही घंटे बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। बुधवार को तीन लोगों की मौत हुई थी, जबकि एक शख्स ने आज सुबह दम तोड़ दिया। मृतकों की पहचान इब्राहिमपुर काइया टोला निवासी शमशाद अंसारी और इस्लामुद्दीन, मशरख के बेलाखी निवासी प्रदीप शाह और गंडामन धर्म सती के रहने वाले शिव जी ठाकुर के रूप में हुई है।
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक सिवान में 28 और सारण में 10 लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं सारण से एक और सिवान से 4 लोगों को गंभीर हालत में पटना स्थित पीएमसीएच रेफर किया गया है। इन सभी की आंखों की रोशनी चली गई है। सारण प्रशासन से मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। सारण डीएम ने कहा कि हमें पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट का इंतजार है। फिलहाल पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। उधर सिवान में एसपी ने कार्रवाई करते हुए भगवानपुर हाट थानाध्यक्ष और दो चौकीदार को निलंबित कर दिया है। अबतक 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (06154-242008) जारी किया है. डीएम ने कहा कि सदर अस्पताल और बसंतपुर स्वास्थ्य केंद्र को अलर्ट रखा गया है। साथ ही एंबुलेंस को भी तैनात किया गया है। एक तरफ जहां पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है,वहीं जानकारी मिल रही है कि परिजनों ने प्रशासन के डर से कई शवों का अंतिम संस्कार भी कर दिया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक जहरीली शराब सिवान जिले के गहर कौड़िया गांव से मंगवाई गई थी। जिस गांव में ये हादसा हुआ है, वह सिवान और छपरा की सीमा पर स्थित है।
मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सत्ता संरक्षण में जहरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गयी है। दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गयी। बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है। "इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की। जहरीली शराब से, अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों बिहारवासी मारे जाते हैं लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है। कितने भी लोग मारे जाए लेकिन मजाल है कि किसी वरीय अधिकारी पर कोई कार्रवाई हो? इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा? क्या सीएम ऐसी घटनाओं पर एक्शन लेने व सोचने में सक्षम और समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन?