"जनता कर्फ़्यू" पर होने लगी राजनीति,महामारी के वक्त साथ देने के बजाय होने लगा विरोध

कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए भारत में भी हर जरूरी एहतियात बरते जा रहे हैं। कल देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना को लेकर कई बड़ी बातें कही हैं। उन्होंने 22 मार्च को जनता कफ्र्यू का एलान किया गया है। पीएम ने लोगों से अपील की है कि जनता कफ्र्यू वाले दिन यानि 22 मार्च को सुबह सात बजे से रात के नौ बजे तक लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकलें।

इधर बिहार में आरजेडी ने पीएम के जनता कफ्र्यू के विरोध का एलान कर दिया है। राजद विधायक भोला यादव ने दरभंगा में प्रेस कांफ्रेंस कर जनता कर्फ्यू को अघोषित आपातकाल बताते हुए कहा कि कोरोना वायरस को रोकने में सरकार फेल है,इस महामारी से बचाव और इससे उबरने की कोई तैयारी नहीं है,इसलिए बाकी सवालो से बचने के लिए और ध्यान को भटकाने के लिए यह काम कर रही है।वहीं 

शिवानंद तिवारी ने भी जनता कर्फ्यू का विरोध करते हुए कहा है कि देश में कोरोना वायरस के मामले नियंत्रण में लग रहे हैं। देश में तकरीबन 195 लोग अब तक कोरोना वायरस से प्रभावित हुए हैं, जिनमें 32 विदेशी हैं केवल 5 लोगों की मौत हुई है। वहीं, 20 लोग संक्रमण के बावजूद ठीक हो चुके हैं। 

राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा है कि जनता कर्फ्यू की अपील कर पीएम मोदी ने मुसीबत मोल ली है। उन्होंने अपनी मुसीबत को बढ़ा लिया है। आरजेडी  उपाध्यक्ष ने कहा है कि देश की बड़ी आबादी रोज कमाने और खाने वालों की है। बाजार पर मंदी का ग्रहण है और उसके बावजूद जनता कर्फ्यू की बात की जा रही है लिहाजा पीएम मोदी को अपने फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

आरजेडी की ओर से ऐसे महामारी के वक्त भारत सरकार को सपोर्ट करने बजाय राजनीति करना वाकई समझ से परे है जबकि आज पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार का साथ देने को तैयार है,सोशल मीडिया में भी जनता कर्फ़्यू के समर्थन में तरह तरह के मैसेज किये जा रहे है लोग अपने स्टेटस से लेकर डीपी तक जनता कर्फ़्यू के समर्थन में फ़ोटो लगा रहे हैं,इसके बावजूद आरजेडी की तरफ से जनता कर्फ़्यू का विरोध करना मूर्खता भरा कदम ही है।