हाईकोर्ट का आदेश- सरकार कूड़ा फेंकना और थूकना प्रतिषेध अधिनियम को कड़ाई से लागू कराए।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विधानसभा द्वारा पारित कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेद एक्ट 2016 को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार एवं समस्त शहरी स्थानीय निकायों से कूड़ा फेंकना और थूकना प्रतिषेध अधिनियम 2016 को कड़ाई से लागू करने के दिशा निर्देश देने के साथ ही याचिका निस्तारित कर दी है।कोर्ट ने पूर्व में हुई सुनवाई करते हुए शहरी विकास सचिव और स्वास्थ सचिव से एक रिपोर्ट मांगी गयी थी और उनसे कहा गया था कि अधिनियम के प्राविधानों का प्रचार प्रसार करके वह मननीय उच्च न्यायालय को अवगत करायें। इसके फलस्वरुप राज्य सरकार हरकत मे आई और उसने 22 मई को सभी जिला अधिकारियों को अधिनियम के विभिन्न प्राविधानों के बारे मे अवगत कराया और उसके बाद 26 मई 2020 को सभी नगर निकायों के अधिकारियों को अधिनियम को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया।
आपको बता दे अधिवक्ता अभिजीत नेगी की तरफ से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सरकार द्वारा पारित उक्त एक्ट को ये कहते हुये चुनौती दी गई है कि सरकार ने 2016 में सार्वजनिक स्थानो पर कूड़ा फैंकने एवं थूकने पर कड़ाई से पालन कराने को लेकर एक्ट बनाया था और जिसमें राज्य के सभी 13 जिलों के शहरी स्थानीय निकायों को शामिल कर उनकी सीधे तौर पर जवाब देही तय की गयी थी लेकिन इन बीते वर्षों में एक भी चालान नही किया न ही इसे कड़ाई से लागू किया गया ,जबकि इस समय कोरोना संकट काल चल रहा है और कोरोना फैलने का एक कारण सार्वजनिक स्थानो पर कूड़ा फैंकना और थूकना हो सकता है मगर सरकार का इस ओर कोई ध्यान नही है लिहाजा सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिये तांकि एक्ट को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।