हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल से गायब होते मरीज

हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल से पिछले दस सालो में सैकडो मरीज गायब है। मामले की शिकायत होने पर इसे शासन सहित ह्ययूमन राइट कमीशन ने भी गंभीरता से लिया है। लेकिन हकीकत हम आपको बताते है कि वाकई में सच्चाई क्या है।

              कुंमाऊ ही नही रामपुर बहेडी सहित मैदानी इलाके का मरीजो के लिए सबसे सुलभ और बेहतर अस्पताल है हल्द्वानी का सुशीला तिवारी अस्पताल। जहां प्रतिदिन ओपीडी और इमरजेंसी में लगभग पौने दो हजार मरीज आते हैं। इस सच्चाई के साथ अस्पताल के साथ एक और सच्चाई समाने आती है जिसमें वर्ष 2006 से वर्ष 2016 तक 162 मरीजों के भर्ती होने का रिकार्ड तो है लेकिन उनके डिस्चार्ज होने का नही। इसका मतलब यह मरीज आखिर कहां गायब हो गए। 

              इस मामले में शासन सहित मानवाधिकार आयोग ने अस्पताल प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें अस्पताल प्रशासन गायब होने वाले मरीजों को लेकर अब इंसीडेंट रिर्पोट तैयार करना शुरू कर दिया है। साथ ही बेड पर मरीजो की काउटिंग भी करानी प्रारम्भ कर दी है।

              अस्पताल के तर्क कुछ हद तक सही हो सकते है लेकिन तैनात डाक्टर से लेकर गार्डों की यह जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम हर आने वाले से मौखिक पूछताछ की जाए। नही तो भविष्य में कभी भी कोई बडी घटना की संभावना से इंकार नही किया जा सकता हैं।