सर्कस की कला हुई लुप्त ,कलाकारों के सामने रोजी रोटी का संकट

आज जिस प्रकार मोबाइल से लेकर इंटरनेट कंप्यूटर का जमाने में बच्चे हों या बड़े सभी मोबाइल में गेम खेलने में व्यस्त रहते हैं और खेलों से उनकी रुचि बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी ओर बच्चों का रुझान भी धीरे-धीरे लोक कलाकृति से हटता जा रहा है इसी से आज देश में प्राचीन समय से चली आ रही
सर्कश के कलाकार और मालिक अपनी रोजी-रोटी के संकट को लेकर परेशान है उनका कहना है कि देश-विदेश के कलाकारों के द्वारा जान जोखिम में डालकर दिखाई जाती है और अपना जीवन यापन किया जाता है आज यह कला और सर्कस का वर्चस्व धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर है आज देहरादून परेड ग्राउंड में लगाए जाने वाले सर्कस के प्रबंधक ने बताया कि सरकार की पॉलिसी के चलते आज जो सर्कस कलाकार है भीख मांगने को मजबूर है क्योंकि हमारी सरकार सरकार द्वारा जानवरों पर प्रतिबंध लगाया गया है जिससे बच्चों का रुझान खत्म हो गया है साथ ही उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार कायदे कानून के अनुसार हमारे को एक एक जानवर रखने की अनुमति दें जिससे हम अपना रोजी-रोटी चला सके साथ ही उन्होंने ने बताया कि केंद्र सरकार जो भी मानक तय करेगी उसका वय हम लोग खुद करेंगे वही उन्होंने बताया कि जेमिनी सर्कस पुराने मेरा नाम जोकर से लेकर कई फिल्मी हस्तियों में दिखाई जा चुकी है साथ ही उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए इस लोक कला को बचाने की अपील की