शर्मनाक - माहवारी चेक करने के लिए 68 लड़कियों के अंडर गारमेंट्स उतरवा लिए

2020 में हम कदम रख चुके हैं और खुद को मॉडर्न ज़माने के बताते हुए बड़ा गर्व भी महसूस करते है लेकिन क्या हम महिलाओं की माहवारी को लेकर बनी रूढ़िवादी विचारधारा को कभी खत्म कर पाएंगे ? ये खबर तो इसके जवाब में ना की तरफ ही इशारा कर रही है।
गुजरात जो कि आज देश का रोल मॉडल राज्य कहलाता है वहाँ के भुज जिले में गर्ल्स हॉस्टल के बाहर एक सैनेटरी पैड क्या मिल गया पूरे हॉस्टल में बवाल मच गया।सैनेटरी पैड मिलने के बाद हॉस्टल में रहने वाली 68 लड़कियों की माहवारी चेक करने के लिए उनके कपड़े उतरवा दिए गए,जिसको लेकर वहाँ की छात्राओं में खासा रोष व्याप्त हो गया है और अब मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है ,क्योंकि जिन लड़कियों के कपड़े उतरवाए गए उनके माता पिता ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाने की ठान ली है।वही दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन मामले को बिगड़ता देख अब बात को दबाने की कोशिश कर रहा है।
भुज जिले के सहजानंद गर्ल्स कॉलेज में हॉस्टल की वार्डन ने वाशरूम में छात्राओं की माहवारी को जांचने के लिए उनके अंडर गारमेंट्स उतरवाए ताकि ये पता चल सके कि किस छात्रा की माहवारी चल रही है।गौरतलब है कि माहवारी को लेकर हॉस्टल ने कड़े नियम बना रखे है कि जिस लड़की को भी पीरियड्स होंगे वो लड़की हॉस्टल में नही रहेगी उसके लिए वहीं बेसमेंट में अलग से जगह बना रखी है,इतना ही नही पीरियड्स के दौरान लड़की किसी से मिलेगी जुलेगी भी नही,और न ही वो रसोई घर और पूजास्थल में जा सकती है,पीरियड्स के दौरान लड़की को खाना खाने के लिए भी अलग बर्तन दिए जाते हैं,और कक्षा में उसे सबसे पीछे अलग से बैठने के निर्देश दिए हुए हैं। हॉस्टल में विवाद तब खड़ा हुआ जब वॉर्डन को हॉस्टल के गार्डन में इस्तेमाल किया हुआ सैनेटरी पैड मिला,जिसे देखकर वार्डन को शक हुआ कि हॉस्टल की ही किसी लड़की ने पीरियड्स होने पर ये पैड यूज़ करके चुपचाप फेंक दिया होगा,किस लड़की को पीरियड्स हो रहे हैं ये चेक करने के लिए वार्डन ने वाशरूम में 68 लड़कियों के कपड़े उतरवा कर जांच की।
माहवारी को लेकर आज भी कई गांवों और कस्बो में महिला को अलग थलग रखने की और छूत मानी जाती है।हम समाज मे कितना भी ऊपर क्यो ना उठ जाए लेकिन महिलाओं की माहवारी को लेकर रूढ़िवादी सोच को बदलने में शायद अब भी वक्त लगे।