विपक्ष के हंगामे के साथ शुरू हुई दूसरे दिन सदन की कार्यवाही

उत्तराखण्ड़ विधानसभा सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत भी हंगामेदार रही, विपक्ष ने सदन में गन्ना किसानों के भुगतान का मुद्दा उठाया और नियम310 के तहत इस पर चर्चा कराने की मांग की, तो वहीं सदन के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने समर्थकों के साथ गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर विधानसभा बैरीकेटिंग के बाहर उपवास पर बैठ गए।
वहीं प्रश्नकाल के दौरान विधायक प्रीतम सिंह पवार ने आयुष छात्रों की फीस वृद्धि का मुद्दा उठाया, जिसमें उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद निजी आयुष कॉलेजों ने फीस में कटौती नहीं की है, भाजपा विधायक विनोद चमोली ने भी कॉलेजों द्वारा सरकार के आदेश को न मानने को अराजकता का विषय बताया।जवाब में आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि कॉलेजों को आदेश दिए गए हैं,यदि एक माह में आदेश का पालन नहीं होता है तो एफिलिएशन समाप्त करेंगे।सदन में 10 से कम छात्र संख्या के प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों को बंद करने का मामला भी उठा, बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना ने पूछा 10 से कम संख्या वाले कितने स्कूलों को किया गया है बन्द, जवाब में शिक्षा मंत्री अरविंद पांड़े ने कहा कि कुल 600 स्कूलों में से 301 स्कूलों को बंद कर दिया गया है 299 स्कूलों को दूसरे स्कूलों में समायोजन किया गया है।

विधायक राम सिंह कैड़ा ने सदन में युवा कल्याण के तहत 18 से 25 साल के युवाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में पूछा,जवाब में युवा कल्याण मंत्री अरविंद पांड़े ने कहा कि युवा महोत्सव,साहसिक प्रशिक्षण, आपदा प्रशिक्षण प्रबंधऩ के साथ खेल महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है साथ ही कहा कि युवा नीति 2011 में बना ली गई थी।

कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने सरकार पर सवाल खड़े करते हुए पूछा कि विधानसभा सत्र आहुत होने के दौरान कैबिनेट बैठक के फैसले अखबारों में कैसे छपे,नेता प्रतिपक्ष ने भी कैबिनेट के फैसलों का लीक होना गंभीर बताया जवाब में संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कैबिनेट के निर्णय को लेकर सरकार ने कोई ब्रीफिंग नहीं की अखबार का संज्ञान सदन के अंदर नहीं लिया जाता,अखबार में जो निर्णय छपे हैं वह आधे अधूरे हैं।

आज सरकार सदन में अनुपूरक बजट पेश करेगी अनुपूरक बजट का प्रस्ताव अपराह्न चार बजे आएगा। तय कार्यसूची के अनुसार, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपराह्न चार बजे वित्तीय वर्ष 2019-20 की अनुपूरक अनुदान मांगें प्रस्तुत करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, अनुपूरक बजट 4200 करोड़ रुपये का हो सकता है।
इसके अलावा उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947) (संशोधन) विधेयक, व्यवसाय संघ (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक,उत्तराखंड मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध)(संशोधन) विधेयक, उत्तराखंड जैविक कृषि विधेयक, उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश लोक सेवा) (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 1993)(संशोधन) विधेयक,  उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद अिधिनयम, 2001(संशोधन) अधिनयम सदन पटल पर आएंगे