रेड लाइट एरिया , जिसकी तरफ किसी का ध्यान ही नही गया ।।

कोरोना की महामारी से हर कारोबार ठप हो गया,बड़े से बड़े व्यापारी भी कोरोना की मार के आगे अपंग बने खड़े है।लेकिन फिर भी कोरोना के चलते देशभर में लगाये लॉक डाउन में मजबूर बेसहारो को सक्षम लोग मदद भी कर रहे हैं ,पर समाज का कुछ तबका ऐसा भी है जो इस वक्त अनदेखी की मार झेल रहा है। ये तबका वैसे भी समाज की नज़रों में गिरा हुआ ही रहता है लेकिन इंसान तो इनकी गलियों में भी बस्ते हैं। एशिया में सबसे बड़ा यौन बाजार वैसे तो कोलकाता के सोनागाछी में लगा करता था ,पर दिल्ली का रेड लाइट एरिया भी हमेशा से देह व्यापार के मामले में बड़ा बाजार ही माना जाता है, इन जगहों पर शायद ही कभी सन्नाटा पसरा हो पर आज यहाँ सन्नाटे के साथ साथ भुखमरी की नौबत भी आ गयी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन अंधेरी गलियों में रहने वाली सभी यौनकर्मियों को उनके घरों से निकाला जा रहा है, देश मे लॉक डाउन की स्थिति के वक्त एक सामान्य व्यक्ति तक को कही कोई किराए पर मकान ना दे ये तो फिर यौनकर्मी हैं इन्हें भला कोई कैसे अपना मकान देगा, यही कड़वी सच्चाई है।
कोलकाता के सॉन्ग में हर रोज़ 30 से 40 हज़ार ग्राहक आते थे पर अब सन्नाटा है। देह व्यापार से जुड़ी सभी वर्कर्स को इस वक्त रोजी रोटी की भारी दिक्कत हो रही है, इनके पेशे में रिक्शेवाले, एजेंटो, दुकानदारों की बड़ी अहम भूमिका होती है, इन दिनों इनका भी काम बंद है तो देह व्यापार की वर्कर्स के लिए ग्राहक का इंतज़ाम भी नही हो रहा है। फिलहाल तो कोरोना वायरस की वजह से देह व्यापार से जुड़ी सभी यौनकर्मियों के आगे उनके भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।
कोरोना का आतंक इस कदर है कि हल्की सी खांसी पर भी वहां तहलका मच रहा है। दिल्ली रेड लाइट एरिया में लोकल मीडिया के हवाले से मिली खबर के मुताबिक यौनकर्मी सीमा(बदला हुआ नाम ) कहती है कि हमारे लिए इस वक्त रोटी की ही समस्या सबसे बड़ी बन चुकी है, ऐसा ही रहा तो मैं अपने घर एक रुपया भी नही भेज पाऊंगी, मेरा परिवार मेरे ही भेजे रुपयो से अपना पेट भरता है"। कोरोना की मार से हज़ारो देह व्यापार से जुड़े कर्मियों की जान जोखिम में आ चुकी है जो शासन प्रशासन की अनदेखी या लापरवाही कही जा सकती है ।