महकते गुलाब, देते रोजगार

फूलो की बढ़ती मांग को देखते हुए  कास्तकार अब फूलो के उत्पादन पर जोर देने लगे हैं,  किफायती दाम में आसान काम और बेहतर मार्केट का लाभ उठाना हो तो फूलो की खेती से अच्छा कुछ नही, हलद्वानी औऱ इससे सटे इलाको में कास्तकार गुलाब की खेती को अपना रोज़गार भी बना रहे है और अच्छी आर्थिकी भी जुटा रहे है,

नैनीताल ज़िले में फ्लोरीकल्चर को कास्तकार अपना रोज़गार बनाने में जुटे है, दरअसल फूलो की बढ़ती मांग काश्तकारों के लिए वरदान साबित हो रही है, विशेषकर गुलाब, जिसकी देश के कोनो कोनो से डिमांड नैनीताल ज़िले के कालाढूंगी आ रही है, कास्तकार बताते है कि प्रति दिन 800 से 1000 गुलाब के पीस दिल्ली, लखनऊ, कलकत्ता औऱ अन्य शहरों तक जा रहे है, जिसका सही दाम काश्तकारों को मिल रहा है और उत्पादन से लेकर मार्केट मैं उतरने तक पूरे खर्च को लेकर मायूस भी नही होना पड़ता, उनके मुताबिक लोकल में भी गुलाब की डिमांड अच्छी है ज्यादातर त्यौहार औऱ शादी विवाहों के दौरान कमाई कही ज्यादा अच्छी है, इसलिए कास्तकार फ्लोरीकल्चर को अपनाकर आर्थिकी मजबूत कर सकता है,

कालाढूंगी में इस समय काश्तकारों के पास 4 प्रकार के गुलाबो की वैराइटी उत्पादित हो रही है, जिसमें टॉप सीक्रेट लाल रंग में, गोल्ड स्ट्राइक पीले रंग में, एवर लांच सफेद रंग में औऱ रिवाइवल पिंक रंग में उपलब्ध है, जो बाजार में धूम मचाये हुए है,

अनाज की खेती से ज्यादा मुनाफा कास्तकार गुलाब की खेती से कमा रहे हैं, लिहाज़ा फ्लोरीकल्चर को औऱ आगे ले जाने की आवश्यकता महसूस हो रही है, जानकारों के मुताबिक फ्लोरीकल्चर आने वाले समय के लिए काश्तकारों के लिहाज़ से बेहद कारगर साबित होने वाला है,