मसूरी में श्री नागदेवता मंदिर समिति नें निकाली कलश यात्रा

श्री नागदेवता मंदिर समिति नें मंदिर परिसर में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया। इस मौके पर क्यारकुली-भट्टा गांव मसूरी झील से कलश यात्रा निकाली गई।बडी संख्या में श्रद्वालुओं ने डोली और कलश यात्रा में शिरकत की और नागराज के जयमंत्र के साथ कलश यात्रा का शुभारम्भ किया। वही इस यात्रा में सिर पर कलश रख कर, नंगे पैर धुमावदार पहाडी रास्तो में करीब 10 किलोमीटर का सफर तय कर महिलाये नाग देवता कि जय धोष करते हुए नाग मंदिर पहुचे। वही लोगो का मानना है कि कलश यात्रा के दौरान कलश सिर से नही हटाना चहिए अन्यथा यात्रा पूर्ण नही मानी जाती। गाव के बुजुगों का मानना है कि यह मंदिर 500 साल पुराना है। वही गावं वालो के अनुसार इस मंदिर में एक ऐसा पत्थर है जिस पर एक गाय अपना दूध छोडती थी। कई वर्ष पूर्व इस गावं में एक ऐसी गाय थी जो जब शाम के समय चर कर अपने गौशाला मे पहुचती थी तो उसके थनो मे दूध नही पाया जाता था। तभी उस गाय के मालिक द्वारा गाय का पीछा किया गया तो उसने देखा कि यह गाय अपना दूध एक पत्थर पर छोडती है। जहा पर एक नाग उसी पत्थर पर बैठा दूध पी रहा था। तभी से इस स्थान पर नाग मंदिर कि स्थापना की गई। जिसे गाव वाले अपना कुलदेवता मानते है।
वही नागपंचमी के एक सप्ताह पूर्व डोल नगाडो व् अपने पंरामपारिक वेषभूषा में इस दिन को त्यौहार के रूप मे मनाया जाता है।