फैक्ट चेक- अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी के ऊपर लग रहे महिला शोषण करने के आरोपों वाली पोस्टों का वायरल सच।

8 फरवरी को दिल्ली की विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं,चुनाव से पहले ही सोशल मीडिया में "दी टेलीग्राफ" और " दी इंडियन" न्यूज़ पेपर्स की कटिंग ज़ोरो शोरो से वायरल की जा रही है,बिना ये जांचे कि ये खबर सही भी हैं या नही ,पढ़े लिखे लोग और मीडिया के कुछ बुद्धिजीवी पत्रकार भी इन अखबारों की कटिंग्स को शेयर कर रहे हैं,जो आम जनता के बीच भ्रामक स्थिति पैदा कर रही है,और दुष्प्रचार करने में भी ये पोस्ट्स सफल भी हो जाती हैं।
"दी टेलीग्राफ" न्यूज़ पेपर की ये कटिंग किसी बुद्धिजीवी पत्रकार ने ही पोस्ट की है, जिस में लिखा है कि अरविंद केजरीवाल जब आईआईटी खड़गपुर में पढ़ रहे थे तब उन्होंने वहीं की एक लड़की का बलात्कार किया था,जिसके आरोप में अरविंद केजरीवाल को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया था,इस न्यूज़ पेपर में 8 जून 1987 की तारीख छपी हुई है,साथ ही इस पोस्ट में ये भी लिखा है कि लड़की ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ रेप का आरोप लगाया है,और केजरीवाल का आईडी कार्ड प्रूफ के तौर पर पुलिस को सौंपा है।वाकई स्क्रिप्ट पढ़ कर और इतने पुराने अखबार की कटिंग देखकर हर कोई यकीन कर लेगा की ये पोस्ट सच्ची है,और दिल्ली का मुख्यमंत्री एक बलात्कारी है।
अब एक और अखबार की कटिंग देखिए जिसमे पीएम नरेंद्र मोदी के ऊपर आरोप लगाए गए हैं, कि एक सफाई कर्मचारी युवती ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ उसकी इज़्ज़त के साथ खिलवाड़ करने की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज करवाई है।यानी पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस पोस्ट के मुताबिक एक लड़की का शोषण किया था।
आपको बता दें कि ये दोनों ही खबरे झूठी हैं और सोशल मीडिया में ऐसी ना जाने कितनी खबरे आये दिन वायरल होती रहती हैं, जिनको पढ़कर आज का युवा बिना अपना दिमाग लगाए और खबर की पुष्टि किये बिना आगे फॉरवर्ड कर देता है, जिससे समाज मे गलत संदेश तो जाता ही है साथ मे उक्त व्यक्ति की छवि भी खराब होती है, जिसके बारे में इन झूठे और एडिटेड अखबारों में लिखा होता है।यकीन नही होता ना? इन अखबारों की कटिंग्स बिल्कुल असली और सचमुच में पुराने अखबार लगते हैं ना? दरअसल इस तरह की अखबारों की कटिंग्स दी न्यूज़ पेपर क्लिपिंग जनरेटर द्वारा तैयार की जाती हैं, इन वेबसाइट्स के द्वारा अपनी मां मर्जी की तारीख,अपने पसंद का अखबार, अपने पसंद की हैडलाइन,और स्क्रिप्ट जेनरेट कर सकते हैं,जैसे कि हमने भी fodey.com द्वारा ये फेक न्यूज़ बनाई है।इस फेक न्यूज़ पेपर की कटिंग को जेनरेट करने का हमारा मकसद सिर्फ और सिर्फ आपकी आंखें खोलने का है ताकि आप ऐसी झूठी पोस्टों से बच सकें।
अब तो आप समझ ही गए होंगे न कि किस तरह से कुछ लोग भ्रामक खबरों का प्रचार कर आपको बेवकूफ बना रहे हैं, और आप भी उनकी इस तरह की झूठी खबरों को बिना सोचे समझे फारवर्ड कर देते हैं।आवाज़24x7 न्यूज़ पोर्टल सभी से अपील करता है कि फेक ख़बरों से दूर रहें और सोशल मीडिया में जो भी पोस्ट इस तरह की देखें उनकी एक बार जांच अवश्य कर लें।