प्रदेश में विकास के लिए सभी आईएएस अधिकारियों ने शुरु किया मंथन

आईएएस वीक के अंतर्गत सोमवार को विश्वकर्मा भवन, सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयोजित बैठक के प्रथम सत्र में राज्य से संबंधित विभिन्न विषयों पर गहन विचार विमर्श किया गया।मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि नवम्बर में राज्य स्थापना के 20 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं।उत्तराखण्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया है।राज्य ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।गवर्नेंस इंडेक्स में उत्तराखण्ड हिमालयी व पर्वतीय राज्यों में दूसरे स्थान है जबकि ऑल इण्डिया रैंकिंग में 10 वें स्थान पर है।हमें इस रैंकिंग में और सुधार करने के लिए मिशन मोड में काम करना होगा।राज्य में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं।यहां का नैसर्गिक सौन्दर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है।परंतु प्रमुख मार्गों व पर्यटन स्थलों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा।सरकार भी कूड़ा निस्तारण व आधुनिक शौचालयों की व्यवस्था को प्राथमिकता दे रही है।कृषि, शिक्षा व स्वास्थ्य में काफी इनोवेटिव काम की शुरूआत हुई है।जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी इनमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।नवाचार के प्रोजेक्ट सीएसआर पोर्टल पर अपलोड करें।साथ ही जिलों में की जा रही बेस्ट प्रेक्टीसेज को ऑन लाईन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।कार्यक्रम के प्रथम सत्र में ईज ऑफ लिविंग विषय पर सचिव विद्यालयी शिक्षा आर मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य नितेश झा,सचिव महिला कल्याण बाल विकास श्रीमती सौजन्या,सचिव पेयजल अरविन्द सिंह ह्यांकि,जिलाधिकारी नैनीताल सविन बंसल व जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल ने पावर पाइन्ट प्रजेन्टेशन दिए।सचिव विद्यालयी शिक्षा आर मीनाक्षी सुन्दरम ने प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों व अन्य कार्यक्रमों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।उन्होंने बताया कि स्कूली शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए वर्चुअल क्लास, सुपर 100, आनंद कार्यक्रम, जिज्ञासा आदि नवाचार किए गए हैं।विद्यालयी शिक्षा में इन्फ्रास्ट्रक्चर गैप, मानव संसाधन, गुणवत्तापरक शिक्षा, इनोवेटिव प्रेक्टिसेज, आवासीय हास्टल, छात्र कल्याण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य नितेश झा ने प्रदेश में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वैलनैस सेंटरों में अपग्रेड किया जा रहा है।इस साल के अंत तक प्रत्येक आबादी के 10 किमी के दायरे में प्राथमिक चिकित्सा सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का लक्ष्य लिया गया है। इसमें जिलाधिकारियों को विशेष ध्यान देना होगा।झा ने बताया कि विभिन्न स्वास्थ्य सूचकों में काफी सुधार हुआ है।मातृत्व मृत्यु दर राज्य निर्माण के समय 440 थी जो कि अब घटकर 86 हो गई है।शिशु मृत्यु दर भी 41 से घटकर 32 हो गई है।संस्थागत प्रसव दर 32.6 प्रतिशत से बढ़कर 68.6 प्रतिशत हो गई है। इस प्रतिशत को और बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के लिए अटल आयुष्मान योजना शुरू की गई है।