प्रदेश में मेडिकल कालेजो में प्रवेश का मामला नैनीताल हाईकोट की शरण में पहुंचा

प्रदेश में मेडिकल कालेजो में प्रवेश का मामला नैनीताल हाईकोट की शरण में पहुच गया है। हाई कोर्ट ने बीएमस के छात्रो के फीस विवाद मामले में राज्य सरकार व आयुर्वेदिक मेडिकल कालेजो को झटका देते हुए सरकार के 14 अक्टूबर 2015 के शासनादेश पर रोक लगा दी है। साथ ही हाईकोट ने बढ़ायी गयी फीस 2 लाख15 हजार पर भी रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।
आपको बतादे की हिमालयन मेडिकल आयुर्वेदिक देहरादून के छात्र रजत राणा, यश सैनी व 104 छात्रो ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वे बीएमस कोर्स के चोथे व पांचवे समेस्टर के छात्र है। उनसे कोलेज द्वारा दो लाख 15 हजार रूपये फीस मांगी जा रही है और एक हजार रूपये जुर्माना लिया जा रहा है। जो नियम विरुद्ध व अवैध है जबकि सभी आयुर्वेदिक कालेजो में जबकि प्रोस्पेक्ट्स के अनुसार 80 हजार रूपये है। पूर्व में सरकार ने 15 अक्टूबर 2015 को एक शासनादेश जारी किया था जिसमे सरकार ने एक टेन्टेटिव लिस्ट जारी कर 80 हजार रुपए फीस निर्धारित की थी। साथ में फीस निर्धारण करने के लिए स्थायी कमेटी गठित करने को कहा था परन्तु अभी तक न ही स्थायी कमेटी का गठन हुआ न ही फीस का।
मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकलपीठ ने राज्य सरकार के 14 अक्टूबर 2015 के शासनादेश पर रोक लगते हुए राज्य सरकार व कालेजो द्वारा बढ़ायी गयी फीस दो लाख 15 हजार पर भी रोक लगा दी है मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।